$v$ वेग से गतिशील एक प्रोटॉन (आवेशित कण) पर विद्युत क्षेत्र $E$ एवं चुम्बकीय क्षेत्र $B$ लगाया जाता है। प्रोटॉन बिना किसी विक्षेप के गतिशील रहेगा यदि
$E$, $B$ के लम्बवत् हो
$E$ , $v$ के समान्तर तथा $B$ के लम्बवत् हो
$E$, $B$ और $v$ तीनों आपस में एक-दूसरे क लम्बवत् हों और $v = \frac{E}{B}$
$E$ एवं $B$ दोनों $v$ के समान्तर हों
द्रव्यमान $4 amu$ का एक अल्फा-कण (alfa particle) एवं एक एकावेशित (singly charged) सल्फर आयन (द्रव्यमान $32 amu$ ) आरम्भ में विरामावस्था में हैं। ये दो कणों विभव (potential) $V$ से त्वरित होकर एक ऐसे एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र से गुजरते है जिसकी दिशा कणों के वेग के लंबवत है। इस क्षेत्र में ये अल्फा-कण व सल्फर आयन क्रमशः $r_\alpha$ एवं $r_5$ की त्रिज्याओं वाली वृत्ताकार कक्षाओं में घूमते हैं। अनुपात $\left(r_5 / r_\alpha\right)$ का मान. . . . होगा।
निम्न दर्शाए चित्र में एक इलेक्ट्रॉन एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में उपस्थित एक कक्ष में घुसता है। उचित परिमाण का एक विद्युत क्षेत्र इस प्रकार से लगाया गया है कि इलेक्ट्रॉन अपनी गति को बिना बदले एवं बिना विक्षेपित हुए गुजरता है। विद्युत क्षेत्र की दिशा निम्न में से कौन सी होगी?
एक आवेश $v$ वेग से $X$-अक्ष की दिशा मे गति कर रहा है चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा ऋण $X$-अक्ष की दिशा में है परिणामस्वरुप
दो कथन निम्नलिखित है : एक कथन $(A)$ तथा दूसरा कारण $(R)$ है।
कथन $(A)$: एक गतिशील आवेश कण की चाल तथा ऊर्जा एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में नियत बनी रहती है।
कारण $(R)$ : एक गतिशील आवेश कण गति की दिशा के लम्बवत चुम्बकीय बल अनुभव करता है।
एक आवेशित कण $\overrightarrow{ v }$ वेग से चुम्बकीय क्षेत्र $\overrightarrow{ B }$ में चलता है। इस पर कार्यरत बल शून्य नहीं है तो यह दर्शाता है कि