एक प्रोटोन को सीधे एक नाभिक $( Q =120 e$, जहाँ $e$ इलेक्ट्रोनिक आवेश है) की ओर बहुत दूर से दागा जाता है। यह प्रोटॉन नाभिक से $10 \ fm$ की निकटतम दूरी तक पहुँचता है। प्रोटोन के चलना आरम्भ करते समय उसकी de Broglie तरंग दैर्ध्य ( $fm$ में) क्या है ? (मानें : प्रोटॉन का द्रव्यमान, $m _{ p }=\frac{5}{3} \times 10^{-27} kg \frac{ h }{ e }=4.2 \times 10^{-15} J . s / C ; \frac{1}{4 \pi \varepsilon_0}=9 \times 10^9 m / F ; 1 fm =$ $\left.10^{-15} m \right)$
$7$
$8$
$9$
$1$
एक परमाणु में इलेक्ट्रॉन को नाभिक के चारों ओर घूमने के लिए आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल, नाभिक द्वारा इलेक्ट्रॉन पर आरोपित किस बल से प्राप्त होता है
$1911$ में भौतिक वैज्ञानिक अर्नेस्ट रदरफोर्ड ने धनात्मक आवेश वाले कणों को सोने की पतली पन्नी पर बौछार कर के यह खोजा कि परमाणु में एक सूक्ष्म, सघन नाभिक होता है। सोने का वह गुण, जिसने रदरफोर्ड को इस प्रयोग में उपयोग करने के लिए प्रेरित किया, है
$\frac{1}{2} m v^{2}$ ऊर्जा का एक अल्फा कण-नाभिक, $Z e$ आवेश के एक भारी नाभिकीय लक्ष्य पर टकराता है। अल्फा-नाभिक के लिये समीपतम पहुँचने की दूरी, निम्नांकित में किसके अनुक्रमानुपाती होगी?
हाइड्रोजन जैसे परमाणु में $n = 4$ से $n = 3$ अवस्था में संक्रमण होने पर पराबैंगनी विकिरण उत्सर्जित होते हैं, तो अवरक्त विकिरण किस संक्रमण में उत्सर्जित होंगे
हाइड्रोजन परमाणु का आयनन विभव $13.6 eV$ है। हाइड्रोजन परमाणुओं को $12.1eV$ फोटॉन ऊर्जा के एकवर्णी विकिरण द्वारा मूल अवस्था से उत्तेजित किया जाता है। बोहर के सिद्धान्तानुसार, हाइड्रोजन परमाणुओं द्वारा उत्सर्जित वर्णक्रम रेखायें होंगी