जब इलेक्ट्रॉनों को त्वरित करने वाले विभवान्तर को एक क्रांतिक मान से अधिक मान तक बढ़ाया जाता है, तो
केवल विभिन्न तरंगदैध्र्यो की तीव्रता बढ़ जाती है
केवल लाक्षणिक सम्बन्ध की तरंगदैध्र्य ही प्रभावित होगी
श्वेत विकिरणों का वर्णक्रम अप्रभावी रहता है
श्वेत वर्णक्रम के सापेक्ष लाक्षणिक रेखाओं की तीव्रता बढ़ जाती है किन्तु उनकी तरंगदैध्र्य अप्रभावी रहती है
यदि ${90^o}$ कोण पर प्रकीर्णित कण $56$ हों तो ${60^o}$ कोण पर यह होंगे
किसी परमाणु के नाभिक द्वारा एकसाथ प्रकीर्णित समान ऊर्जा के चार $\alpha - $ कणों के पथों को चित्रानुसार प्रदर्शित किया गया है। कौन सा पथ सम्भव नहीं है
मुख्य क्वांटम संख्या $n = 3$ के लिए कक्षीय क्वांटम संख्या $l$ के संभव मान हैं
हाइड्रोजन परमाणु का आयनन विभव $13.6 eV$ है। हाइड्रोजन परमाणुओं को $12.1eV$ फोटॉन ऊर्जा के एकवर्णी विकिरण द्वारा मूल अवस्था से उत्तेजित किया जाता है। बोहर के सिद्धान्तानुसार, हाइड्रोजन परमाणुओं द्वारा उत्सर्जित वर्णक्रम रेखायें होंगी
रदरफोर्ड के प्रकीर्णन प्रयोग में जब आवेश $Z_{1}$ और द्रव्यमान $M _{1}$ का प्रक्षेप्य आवेश $Z _{2}$ और द्रव्यमान $M _{2}$ के लक्ष्य केन्द्रक तक पहुँचता है तो निकटतम पहुँच की दूरी $r _{0}$ होती है। प्रक्षेप्य की ऊर्जा :-