एक रेडियो ट्रॉन्समीटर $198.6$ मीटर तरंगदैध्र्य पर $1kW$ शक्ति उत्सर्जित करता है। प्रतिसैकण्ड उत्सर्जित फोटॉनों की संख्या है
${10^{10}}$
${10^{20}}$
${10^{30}}$
${10^{40}}$
मानव नेत्र के द्वारा संसूचित $(detect)$ की जा सकने वाली प्रकाश की न्यूनतम तीव्रता ${10^{ - 10}}W/{m^2}$ है। दिखायी देने के लिये ${10^{ - 6}}{m^2}$ क्षेत्रफल वाली आंख की पुतली में प्रति सैकण्ड प्रवेश करने वाले फोटॉनों की संख्या लगभग होगी (जबकि फोटॉन की तरंगदैध्र्य$\lambda =5.6 \times {10^{ - 7}}m$ है)
किसी प्रकाश विद्युत सेल में ऊर्जा का रूपातंरण होता है
प्रकाश वैद्युत प्रभाव क प्रयाग म दहला आवृात्त की $1.5$ गुनी आवृत्ति का एक प्रकाश किसी प्रकाश सुग्राही पदार्थ के तल पर आपतित होता है। अब यदि आवृत्ति को आधा तथा तीव्रता को दो गुना कर दिया जाये तो उत्सर्जित प्रकाश इलेक्ट्रॉनों की संख्या होगी :
$(a)$ एक निर्वात नली के तापित कैथोड से उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों की उस चाल का आकलन कीजिए जिससे वे उत्सर्जक की तुलना में $500\, V$ के विभवांतर पर रखे गए एनोड से टकराते हैं। इलेक्ट्रॉनों के लघु प्रारंभिक चालों की उपेक्षा कर दें। इलेक्ट्रॉन का आपेक्षिक आवेश अर्थात $e / m 1.76 \times 10^{11} \,C kg ^{-1}$ है।
$(b)$ संग्राहक विभव $10\, MV$ के लिए इलेक्ट्रॉन की चाल ज्ञात करने के लिए उसी सूत्र का प्रयोग करें, जो $(a)$ में काम में लाया गया है। क्या आप इस सूत्र को गलत पाते हैं? इस सूत्र को किस प्रकार सुधारा जा सकता है?
निम्न में से कौन सा प्रभाव $X$-किरण वर्णक्रम के निरंतर (continuous) भाग के लिए उत्तरदायी है?