यदि समय $t$ में एक पृष्ठ को स्थानान्तरित कुल ऊर्जा $6.48 \times 10^5 \mathrm{~J}$ जूल है, तो पूर्ण अवशोषण के लिए इस पृष्ठ को दिया गया कुल संवेग होगा :
$2.46 \times 10^{-3} \mathrm{~kg} \mathrm{~m} / \mathrm{s}$
$2.16 \times 10^{-3} \mathrm{~kg} \mathrm{~m} / \mathrm{s}$
$1.58 \times 10^{-3} \mathrm{~kg} \mathrm{~m} / \mathrm{s}$
$4.32 \times 10^{-3} \mathrm{~kg} \mathrm{~m} / \mathrm{s}$
सर्वप्रथम प्रकाश विद्युत प्रभाव को सफलतापूर्वक किसने समझाया
तीव्रता $6.4 \times 10^{-5} \,W / cm ^{2}$ वाले विधुत-चुम्बकीय विकिरण के एक किरणपुंज में तरंगदैर्ध्य $\lambda=310 \,nm$ हैं। यह किरण पुंज एक धातु (कार्य फलन $\varphi=2\, eV$ ) की सतह पर लम्बवत् $1 \,cm ^{2}$ क्षेत्रफल पर पड रहा है। यदि सतह पर पडने वाले $10^{3}$ फोटॉनों में से केवल एक फोटॉन एक इलैक्ट्रॉन को निष्कासित करता हो और $1 \,s$ में निष्कासित इलेक्ट्रॉनों की संख्या $10^{x}$ हो, तो $x$ का मान है।
$\left( hc =1240 \, eVnm , 1 \,eV =1.6 \times 10^{-19} \,J \right)$
एक अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में मुक्त रूप से तैर रहा है। उसने अपनी फ्लैश लाइट को रॉकेट की भांति उपयोग में लाने के लिये सोचा। उसने एक निश्चित दिशा में $10\, W$ का प्रकाश पुंज प्रकाशित किया जिससे उसे अंतरिक्ष विपरीत दिशा में संवेग प्राप्त होता है। यदि इस अंतरिक्षयात्री का द्रव्यमान $80\, kg$ है तो उसे $1\, ms^{-1}$ का वेग प्राप्त होने में कितना समय लगेगा
एक कण विराम द्रव्यमान शून्य और ऊर्जा एवं संवेग अशून्य हैं। इसकी गति होगी
यदि फोटॉन का वेग $c$ एवं आवृत्ति $v$ हो तो इसकी तरंगदैध्र्य होगी