एक रेडियोएक्टिव नाभिक दो अलग-अलग प्रक्रियाओं से विघटित होता है। पहली प्रक्रिया की अर्धायु $10 \,s$ है और दूसरी की $100 \,s$ है। उस नाभिक की प्रभावी अर्धायु का निकटतम मान $.....\,s$ है।
$9$
$55$
$6$
$12$
किसी स्त्रोत में फॉस्फोरस के दो रेडियो न्यूक्लाइड निहित हैं ${ }_{15}^{32} P \left(T_{1 / 2}=14.3 d \right)$ एवं ${ }_{15}^{33} P$ $\left(T_{1 / 2}=25.3 d \right) ।$ । प्रारंभ में ${ }_{15}^{33} P$ से $10\, \%$ क्षय प्राप्त होता है। इससे $90 \%$ क्षय प्राप्त करने के लिए कितने समय प्रतीक्षा करनी होगी?
निम्न आलेख एक रेडियोधर्मी पदार्थ की सक्रीयता के लघुगुणक $(\log R)$ का समय (मिनट में) के साथ परिवर्तन दर्शाता है। क्षय की अर्ध आयु (मिनट में) लगभग होगी
रेडियोधर्मिता होती है
यदि $ {N_0} $ किसी पदार्थ का मूल द्रव्यमान है एवं इसका अर्द्धआयुकाल ${T_{1/2}} = 5$ वर्ष है। तो $15$ वर्षो बाद बचे पदार्थ की मात्रा है
$2.0 \,kg$ ड्यूटीरियम के संलयन से एक $100$ वाट का विध्यूत लैंप कितनी देर प्रकाशित रखा जा सकता है? संलयन अभिक्रिया निम्नवत ली जा सकती है
$_{1}^{2} H+_{1}^{2} H \rightarrow_{2}^{3} H e+n+3.27 \;M e V$