एक आयताकार क्षेत्र $ABCD$ में इसके तल के लम्बवत एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र, $B _0$ है $\mid AB$ भुजा के लम्बवत आवेशित कणों की एक पतली धारा इस क्षेत्र में गुजरते हुए $30^{\circ}$ कोण से विक्षेपित हो कर संलग्न भुजा $BC$ से बाहर निकल जाती है। यदि विक्षेप कोण को बढ़ा कर $60^{\circ}$ करना हो, तो चुम्बकीय क्षेत्र का मान क्या होगा ?
$\frac{3}{2} B_0$
$2 B _0$
$(2+\sqrt{3}) B _0$
$(3+\sqrt{3}) B_0$
जब कोई विद्युत आवेशित कण एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है तो इसकी गतिज ऊर्जा
किसी चुम्बकीय क्षेत्र में गति करते हये कण का वेग बढ़ता है तो इसके वृत्तीय पथ की त्रिज्या
दो आयनों, जिनके द्रव्यमान समान हैं, पर आवेशों का अनुपात $1: 2$ है। इन्हें किसी एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में क्षेत्र के अभिलम्बवत् $2: 3$ के अनुपात में चालों से प्रक्षेपित किया गया है। इनके वत्तीय प्रक्षेप पथों की त्रिज्याओं का अनुपात होगा।
If $\frac{x_0}{x_1}=3$, the value of $\frac{R_1}{R_2}$ is.
दो समान्तर तार कागज के तल के तल में एक दूसरे से $X_0$ दूरी पर है। दोनों तारों के बीच एक बिन्दु आवेश, जो उसी तल में है तथा एक तार से $X _1$ दूरी पर है चाल $u$ से गतिमान है। जब तारों में परिणाम $I$ की विधुत धारा एक दिशा में प्रवाहित की जाती है, बिन्दु आवेश के पथ की वक्रता त्रिज्या $R_1$ हैं। इसके विपरित यदि दोनों तारों में धारा $I$ की दिशा एक दूसरे के विपरीत हो, तब पथ की त्रिज्या $R_2$ है। यदि $\frac{x_0}{x_1}=3$, तब $\frac{R_1}{R_2}$ का मान है।
एक प्रोटॉन पूँज एकसमान विघुत क्षेत्र में, क्षेत्र से $60^{\circ}$ के कोण पर चाल $4 \times 10^{5}\, ms$ से प्रवेश करता है। परिणामी हेलिकल पथ के पीच का सन्निकट मान है (प्रोटॉन का द्रव्यमान $=1.67 \times 10^{-27}\, kg$, प्रोटॉन का आवेश $\left.=1.69 \times 10^{-19} \,C \right)$