एक द्रव्यमान $M$ तथा त्रिज्या $R$ का छल्ला अपने केन्द्र $O$ से होकर जाने वाली स्थिर ऊर्ध्वाधर अक्ष के चारों ओर $\omega$ कोणीय गति से घूम रहा है। इस समय पर $\frac{M}{8}$ द्रव्यमान के दो बिन्दु द्रव्यमान छल्ले के केन्द्र $O$ पर विराम स्थिति में हैं। वो दर्शाये चित्रानुसार छल्ले पर लगी द्रव्यमान रहित दो छड़ों पर त्रिज्यतः वाहर की ओर गति कर सकते हैं। किसी एक क्षण पर निकाय की कोणीय गति $\frac{8}{9} \omega$ है तथा एक विन्दु द्रव्यमान $O$ से $\frac{3}{5} R$ की दूरी पर है। इस क्षण दूसरे विन्दु द्रव्यमान की $O$ से दूरी होगी :

224171-q

  • [IIT 2015]
  • A

    $\frac{2}{3} R$

  • B

    $\frac{1}{3} R$

  • C

    $\frac{3}{5} R$

  • D

    $\frac{4}{5} R$

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एक लोलक (pendulum), द्रव्यमान $m=0.1 kg$ के एक गोलक ($bob$) और लम्बाई $L=1.0 m$ के एक द्रव्यमानरहित (massless) तथा न खींचने वाले (inextensible) धागे से बना है। यह एक घर्षणहीन क्षैतिज फर्श (floor) से $H=0.9 m$ की ऊँचाई पर एक स्थिर बिन्दु से लटका हुआ है। आरंभ में गोलक, फर्श पर निलंबन बिन्दु (point of suspension) से ठीक ऊर्ध्वाधर नीचे स्थिरावस्था में है। किसी क्षण, गोलक को $P=0.2 kg - m / s$ का एक क्षैतिज आवेग (impulse) प्रदान किया जाता है। इस कारण कुछ दूरी तक फिसलने के बाद, गोलक सतह से ऊपर उठ जाता है और धागा तन जाता है (becomes taut) । गोलक के सतह से उठने के तुरंत पहले, निलंबन बिन्दु के सापेक्ष, लोलक का कोणीय संवेग (angular momentum) $J kg-m^2 / s$ है। सतह से उठने के तुरंत बाद लोलक की गतिज ऊर्जा $K$ Joules है।

($1$) $J$ का मान. . . . है।

($2$) $K$ का मान. . . . . है।

दिये गए सवाल का जवाब दीजिये ($1$) और ($2$)

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$1\,kg$ के पिण्ड का स्थिति सदिश $\overrightarrow{ r }=(3 \hat{ i }-\hat{ j }) m$ है तथा इसका वेग $\overrightarrow{ v }=(3 \hat{ j }+ k ) ms ^{-1}$ है। इसके कोणीय संवेग का मान $\sqrt{ x } Nm$ है तब $x$ होगा

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चित्र में भुजा $'a'$ का वर्ग $x-y$ तल में हैं। $m$ द्रव्यमान का एक कण एकसमान गति, $v$ से इस वर्ग की भुजा पर चल रहा है जैसा कि चित्र में दर्शाया गया हैं।

निम्न में से कौन-सा कथन, इस कण के मूलबिंदु के गिर्द कोणीय आघूर्ण $\vec{L}$ के लिये, गलत है?

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एक छोटा पिंड $m$ एक द्रव्यमान-रहित धागे से जुड़ा है। धागे का दूसरा सिरा $P$ पर बंधित हैं (चित्र देखिये।) पिंड $x-y$ तल में एकसमान कोणीय चाल $\omega$ से वत्तीय गति कर रहा है। वत्त का केन्द्र $O$ पर है। यदि $O$ और $P$ बिन्दूओं के सापेक्ष निकाले गये इस निकाय के कोणीय संवेग क्रमश: $\overrightarrow{ L }_0$ और $\overrightarrow{ L }_{ p }$ है, तब

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द्रव्यमान $M$ व त्रिज्या $R$ की एक चकती क्षैतिज तल पर कोणीय चाल $ \omega $ से लुढ़क रही है। चकती के कोणीय संवेग का मान मूल बिन्दुु $O$ के परित: होगा

  • [IIT 1999]