एक छोटा पिंड $m$ एक द्रव्यमान-रहित धागे से जुड़ा है। धागे का दूसरा सिरा $P$ पर बंधित हैं (चित्र देखिये।) पिंड $x-y$ तल में एकसमान कोणीय चाल $\omega$ से वत्तीय गति कर रहा है। वत्त का केन्द्र $O$ पर है। यदि $O$ और $P$ बिन्दूओं के सापेक्ष निकाले गये इस निकाय के कोणीय संवेग क्रमश: $\overrightarrow{ L }_0$ और $\overrightarrow{ L }_{ p }$ है, तब
$\vec{L}_O$ और $\vec{L}_P$ समय के साथ नही बदलते है।
$\vec{L}_O$ समय के साथ बदलता है, जबकि $\vec{L}_p$ एकसमान है।
$\overrightarrow{ L }_{ O }$ एकसमान रहता है, जबकि $\overrightarrow{ L }_{ P }$ समय के साथ बदलता है।
$\overrightarrow{ L }_{ O }$ और $\overrightarrow{ L }_{ P }$ दोनों समय के साथ बदलते है।
यदि बल आघूर्ण का मान शून्य हो, तब
एक पतली एकसमान छड़ बिन्दु $O$ पर कीलकित है और क्षैतिज तल में एकसमान कोणीय चाल $\omega$ से घूम रही है (चित्र देखिये)। $t=0$ पर एक छोटा कीड़ा $O$ से चलना शुरू करके छड़ के अंतिम सिरे $t=T$ समय पर पहुँच कर रूक जाता है। कीड़ा छड़ के सापेक्ष एकसमान चाल $v$ से चलता है। निकाय की कोणीय चाल पूरे समय $\omega$ बनी रहती है। $O$ के परित: निकाय पर लगने वाले बल-आघूर्ण का मान (| $\vec{\tau} \mid)$ समय के साथ जिस प्रकार बदलता है उसका सर्वोत्तम वर्णन किस ग्राफ में है?
यदि पृथ्वी को $R$ त्रिज्या तथा $M$ द्रव्यमान का एक गोला माना जाए, तो इसकी घूर्णन अक्ष के परित: समयांतराल $T$ के पदों में कोणीय संवेग का मान होगा
$m$ द्रव्यमान की एक वस्तु पतली डोरी से बाँधकर डोरी को खोखली नली के भीतर से गुजारते हैं। नली को एक हाथ में तथा डोरी को दूसरे हाथ से पकड़ते हैं। अब वस्तु को $R$ त्रिज्या के वृत्त में $v$ वेग से घुमाते हैं। अब डोरी को नीचे की ओर खींचकर त्रिज्या को छोटा किया जाता है। इसमें क्या संरक्षित रहता है
द्रव्यमान $M$ तथा लम्बाई $a$ की एक पतली छड़ एक क्षैतिज तल में बिन्दु $O$ से गुजरने वाले एक स्थिर ऊर्ध्वाधर अक्ष के परितः घूर्णन करने के लिए स्वतंत्र है। द्रव्यमान $M$ तथा त्रिज्या $a / 4$ की एक पतली वृत्ताकार डिस्क को एक छड़ पर उसके स्वतंत्र सिरे से $a / 4$ दूरी पर चित्रानुसार धुराग्रस्थ (pivoted) किया गया है, जिससे वह अपने ऊर्ध्वाधर अक्ष के परितः घूर्णन करने के लिए स्वतंत्र है। मान ले कि छड़ और डिस्क दोनों का एकसमान घनत्व है, तथा गति के दौरान दोनों क्षैतिज रहते हैं। एक स्थिर प्रेक्षक किसी क्षण छड़ को कोणीय वेग (angular velocity) $\Omega$ से तथा डिस्क को कोणीय वेग $4 \Omega$ से घूर्णन करते हुए पाता है। इस निकाय का कोणीय संवेग (angular momentum) बिन्दु $O$ के परितः $\left(\frac{ M a^2 \Omega}{48}\right) n$ है। $n$ का मान होगा।