$l$ लम्बाई के एक सरल लोलक में पीतल का गोलक (Bob) लगा है और उसका आवर्तकाल $T$ है। यदि इसके स्थान पर उतना ही बड़ा स्टील का गोलक (Bob) जिसका घनत्व पीतल से $x$ गुना है, लगाया जाये और लोलक की लम्बाई बदल दी जाये, जिससे उसका आवर्तकाल $2T$ हो जाये, तो नई लम्बाई होगी
$2 l$
$4 l$
$4 l x$
$\frac{{4l}}{x}$
एक सरल लोलक में लम्बाई $l $ की डोरी से द्रव्यमान $m$ का पिण्ड लटका कर एक ऊध्र्वाधर चाप में दोलन कराया जाता है। चाप का कोणीय विस्थापन $\theta $ है। दोलन चाप के एक सिरे पर $m$ द्रव्यमान की ही एक गेंद विरामावस्था में है। इससे टकराने पर लोलक के पिण्ड द्वारा गेंद को स्थान्तरित संवेग है
सरल लोलक में दोलनकाल $(T)$ पेण्डुलम की लम्बाई $(l)$ से निम्न प्रकार सम्बन्घित होता है
दो सरल लोलकों, को जिनकी लम्बाईयाँ $100\, cm$ तथा $121\, cm$ है अलग-अलग लटकाया जाता है। इसके बाद उनके गोलकों को खींचकर छोड़ दिया जाता है। लम्बे लोलक के कितने न्यूनतम दोलनों के पश्चात् दोनों लोलक पुन: समान कला में होंगे
एक सैकण्डी लोलक को कृत्रिम उपग्रह की प्रयोगशाला में लटकाया गया है। यह उपग्रह पृथ्वी तल से $3R$ की ऊँचाई पर उड़ रहा है। यहाँ पर $R$ पृथ्वी की त्रिज्या है। इस लोलक का आवर्तकाल होगा
एक चिम्पांजी किसी झूले पर बैठा हुआ झूल रहा है। यह अचानक झूले पर खड़ा हो जाता है तब आवर्तकाल