सरल लोलक की लम्बाई में $2\% $ की वृद्धि कर देने पर उसके आवर्तकाल में
$2$
$1$
$4$
$8$
एक सरल लोलक, जिसमें $l$ लम्बाई की एक अवितान्य (inextensible) धागे से $m$ द्रव्यमान का एक छोटा एवं भारी गोलक को बांधा गया है, स्थिर अवस्था में है |इस गोलक पर एक (क्षैतिज दिशा में) आवेगीय (impulse) बल लगाया जाता है, जिससे गोलक को $\sqrt{4 g l}$ चाल प्राप्त होती है। अपने अधिकतम ऊंचाई पर गोलक की चाल क्या होगी ? $( g$ गुरुत्वीय त्वरण है )
एक स्थिर लिफ्ट के अंदर किसी सरल लोलक का दोलनकाल $T$ प्राप्त होता है। यदि लिफ्ट ऊपर की ओर $g/3$ त्वरण से बढ़े तो सरल लोलक का दोलनकाल हो जायेगा
एक $r$ त्रिज्या का गोला, $R$ वक्रता त्रिज्या के अवतल दर्पण पर रखा है। इस व्यवस्था को क्षैतिज टेबिल पर रख दिया जाता है। यदि गोले को मध्यमान स्थिति से थोड़ा विस्थापित कर छोड दिया जाये तो वह सरल आवर्त गति करने लगता है। इसके दोलन का आवर्तकाल होगा (अवतल दर्पण का पृष्ठ घर्षण रहित एवं फिसलने वाला है न कि लुढ़कने वाला)
एक घड़ी जो $20^\circ C$ ताप पर सही समय दर्शाती है इसे $40^\circ C$ ताप पर रखा जाता है। यदि पेण्डुलम का रेखीय प्रसार गुणांक $12 \times {10^{ - 6}}/^\circ C$ हो तो यह कितने समय पीछे या आगे होगी
एक सरल लोलक को विषुवत रेखा पर ले जाने पर इसका दोलनकाल