एक छोटे गुटके को चित्र में दिखाए गये चार मार्गों के अनुदिश दागा जाता है। प्रत्येक मार्ग समान ऊँचाई तक उठा हुआ है। सभी स्थितियों में, मार्ग में प्रवेश करते समय गुटके का वेग समान है। किस स्थिति में मार्ग के उच्चतम बिन्दु पर अभिलम्ब प्रतिक्रिया अधिकतम है
एक रेलगाड़ी उत्तर दिशा में जा रही है। एक स्थान पर यह उत्तर-पूर्व की ओर मुड़ जाती है, तो यहाँ हम देखते हैं कि
$180 \mathrm{~cm}$ लम्बी डोरी के सिरे से बंधा पत्थर क्षैतिज तल में प्रति मिनट $28$ चक्कर लगा रहा है। पत्थर के त्वरण का परिमाण $\frac{1936}{\mathrm{x}} \mathrm{ms}^{-2}$ है तो $\mathrm{x}$ का मान है। $\left(\pi=\frac{22}{7}\right)$
प्रदर्शित चित्र में, एक कण नियत चाल $\pi \mathrm{m} / \mathrm{s}$ से गति करता है। बिन्दु $A$ से $B$ तक की गति के लिए इसके औसत वेग का परिमाण है :
यदि एक वस्तु $r$ त्रिज्या के वृत्त में अचर वेग $v$से गति कर रही है, तो इसका कोणीय वेग होगा
एक छात्र एक रेम्प के ऊपर की ओर स्केटिंग करता है, जो क्षैतिज के साथ $30^{\circ}$ कोण बनाता है। वह $v _0$ चाल से रेम्प के आधार से प्रारम्भ (जैसा की चित्र में दिखाया गया है) होता/ होती है तथा $R$ त्रिज्या के एक अर्द्धवृत्तीय पथ $xyz$ के ऊपर घूमना चाहता/चाहती है जिसके दौरान वह धरातल से अधिकतम ऊँचाई $h$ (बिन्दु $y$ पर) पहुँचता/पहुँचती है जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। माना कि ऊर्जा हानि नगण्य है तथा उच्चतम बिन्दु पर इस घुमाव के लिए आवश्यक बल केवल उसके भार द्वारा प्रदान किया जाता है। तब ( $g$ गुरूत्वीय त्वरण है)
$(A)$ $v_0^2-2 g h=\frac{1}{2} g R$
$(B)$ $v_0^2-2 g h=\frac{\sqrt{3}}{2} g R$
$(C)$ बिन्द $x$ तथा $z$ पर आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल शून्य है।
$(D)$ आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल बिन्दु $x$ तथा $z$ पर अधिकतम है।