दूध का मंथन करने पर क्रीम प्राप्त होती है। इसका कारण है
गुरुत्वीय बल
घर्षण बल
अपकेन्द्रीय बल
अभिकेन्द्रीय बल
जब कोई वस्तु स्थिर होती है तब
एक पतली चिकनी क्षैतिज छड़ पर कई $(n)$ सर्वसम मणिकायें (बीड) पिरोई गई हैं जो छड़ पर अनियमित तथा विराम अवस्था में हैं। प्रत्येक बीड का द्रव्यमान $m$ तथा त्रिज्या $r$ है और छड़ की लंबाई $L$ है $(L>r)$ । यह छड़ दो टेकों (आधारों) पर, आरेख में दर्शाये गये अनुसार टिकी है। यदि एक बीड को $v$ वेग प्रदान किया जाय तो, एक लम्बे समय के पश्चात् प्रत्येक टेक (आधार) पर लगने वाले औसत बल का मान होगा (यदि सभी टक्करें प्रत्यास्थ हैं) :
चित्रानुसार एक फ्रेम पर विचार कीजिए जो दो द्रव्यमानहीन और पतली छड़ों $AB$ और $AC$ से निर्मित है। इस फ्रेम के बिन्दु $A$ पर $100\; N$ परिमाण का कोई ऊर्ध्व बल $\overrightarrow{ P }$ आरोपित किया गया है।
माना कि बल $\overrightarrow{ P }$ को फ्रेम की भुजा $AB$ और $AC$ के समांतर वियोजित किया गया है। भुजा $AC$ के अनुदिश वियोजित घटक का परिमाण $xN$ है।
यहाँ $x$ का मान निकटतम पूर्णांक में $\dots$ होगा।
[दिया है : $\sin \left(35^{\circ}\right)=0.573, \cos \left(35^{\circ}\right)=0.819$ $\sin \left(110^{\circ}\right)=0.939, \cos \left(110^{\circ}\right)=-0.342$ ]
$2\, kg$ भार की एक वस्तु को चित्रानुसार लटकाया गया है। क्षैतिज डोरी में तनाव ${T_1}$ (किग्रा भार) है
$0.05 \,kg$ संहति का कोई कंकड़ ऊर्ध्वाधर ऊपर फेंका गया है। नीचे दी गई प्रत्येक परिस्थिति में कंकड़ पर लग रहे नेट बल का परिमाण व उसकी दिशा लिखिए :
$(a)$ उपरिमुखी गति के समय।
$(b)$ अधोमुखी गति के समय ।
$(c)$ उच्चतम बिंदु पर जहाँ क्षण भर के लिए यह विराम में रहता है। यदि कंकड़ को क्षैतिज दिशा से $45^{\circ}$ कोण पर फेंका जाए, तो क्या आपके उत्तर में कोई परिवर्तन होगा ? वायु-प्रतिरोध को उपेक्षणीय मानिए।