किसी वान डे ग्राफ के प्रकार के जनित्र में एक गोलीय धातु कोश $15 \times 10^{6} V$ का एक इलेक्ट्रोड बनाना है। इलेक्ट्रोड के परिवेश की गैस की परावैध्यूत सामथ्य $5 \times 10^{7} V m ^{-1}$ है। गोलीय कोश की आवश्यक न्यूनतम त्रिज्या क्या है? (इस अभ्यास से आपको यह ज्ञान होगा कि एक छोटे गोलीय कोश से आप स्थिरवैध्यूत जनित्र, जिसमें उच्च विभव प्राप्त करने के लिए कम आवेश की आवश्यकता होती है, नहीं बना सकते।)
According to Gauss's law, the electric field between a sphere and a shell is determined by the charge $q_{1}$ on small sphere. Hence, the potential difference, $V$, between the sphere and the shell is independent of charge $q_{2}$. For positive charge $q_{1}$, potential difference $V$ is always positive.
धातु का आवेशित गोला $A$ नाइलॉन के धागे से निलंबित है। विध्युतरोधी हत्थी द्वारा किसी अन्य धातु के आवेशित गोले $B$ को $A$ के इतने निकट लाया जाता है कि चित्र $( a )$ में दर्शाए अनुसार इनके केंद्रों के बीच की दूरी $10\, cm$ है। गोले $A$ के परिणामी प्रतिकर्षण को नोट किया जाता है ( उदाहरणार्थं- गोले पर चमकीला प्रकाश पुंज डालकर तथा अंशांकित पर्दे पर बनी इसकी छाया का विक्षेपण मापकर )। $A$ तथा $B$ गोलों को चित्र $(b)$ में दर्शाए अनुसार, क्रमशः अनावेशित गोलों $C$ तथा $D$ से स्पर्श कराया जाता है। तत्पश्चात चित्र $(c)$ में दर्शाए अनुसार $C$ तथा $D$ को हटाकर $B$ को $A$ के इतना निकट लाया जाता है कि इनके केंद्रों के बीच की दूरी $5.0\, cm$ हो जाती है। कूलॉम नियम के अनुसार $A$ का कितना अपेक्षित प्रतिकर्षण है? गोले $A$ तथा $C$ एवं गोले $B$ तथा $D$ के साइज् सर्वसम हैं। $A$ तथा $B$ के केंद्रों के पृथकन की तुलना में इनके साइजो की उपेक्षा कीजिए।
विद्युत आवेश की एकसमान गति से उत्पन होता है
एक काँच की छड़ सिल्क से रगड़कर गोल्ड लीफ इलेक्ट्रॉस्कोप को आवेशित करने के काम आती है। तथा गोल्ड लीफ इलेक्ट्रोस्कोप की पत्तियाँ फैल जाती हैं। इस आवेशित इलेक्ट्रोस्कोप पर $X$-किरणें थोड़े समय के लिये आपतित की जाये तो
प्रोटॉनों के कारण $500\,cc$ जल पर कितना आवेश होगा
$\alpha $ - कण पर आवेश है