$R_1$ त्रिज्या का एक ठोस गोला, एक दूसरे संकेन्द्री खोखले $R_1$ त्रिज्या वाले सुचालक गोले से घिरा हुआ है। इस संयोजन की धारिता निम्न के समानुपाती है
$\frac{{{R_2} - {R_1}}}{{{R_1}{R_2}}}$
$\frac{{{R_2} + {R_1}}}{{{R_1}{R_2}}}$
$\frac{{{R_1}{R_2}}}{{{R_1} + {R_2}}}$
$\frac{{{R_1}{R_2}}}{{{R_2} - {R_1}}}$
किसी वस्तु पर आवेश तथा विभव का अनुपात कहलाता है
नीचे दो कथन दिए गए है: एक को अभिकथन $A$ द्वारा निरुपित किया गया है, एवं दूसरे को कारण $R$ द्वारा निरुपित किया गया है।
अभिकथन $\mathrm{A}$ : दो धात्विक गोलों को समान विभव तक आवेशित किया जाता है। इनमें से एक खोखला है एवं दूसरा ठोस है, एवं दोनों की त्रिज्याएँ समान हैं। ठोस गोले पर, खोखले गोले की तुलना में कम आवेश होगा।
कारण $R:$ धात्विक गोलों की धारिता, गोलों की त्रिज्याओं पर निर्भर करती है।
उपरोक्त कथनों के संदर्भ में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनें:
एक आवेशित बेलनाकार संधारित्र के वलयाकार अन्तराल (Annular region) में विद्युत क्षेत्र की तीव्रता $E$ का परिमाण
एक समान्तर प्लेट संधारित्र की धारिता $15\,\mu \,F$ है, जबकि इसके प्लेटों के बीच की दूरी $6\,cm$ है। यदि प्लेटों के बीच की दूरी घटाकर $2\,cm$ कर दी जाये, तो अब इस संधारित्र की धारिता .........$\mu \,F$ होगी
$2\,\mu F$ धारिता वाले एक संधारित्र को एकसमान रूप से $0$ से $5$ $C$ तक आवेशित किया जाता है। निम्न में से कौनसा ग्राफ संधारित्र पर विभवान्तर और आवेश के सम्बन्ध को सही दर्शाता है