एक ठोस गोला जिसका घनत्व जल के घनत्व से $ \eta ( > 1) $ गुना कम है। गोला, चित्रानुसार एक डोरी की सहायता से किसी पात्र के तली से संलग्न है। यदि गोले का द्रव्यमान $m$ हो, तो डोरी में तनाव होगा
$\left( {\frac{{\eta - 1}}{\eta }} \right)\,mg$
$\eta mg$
$\frac{{mg}}{{\eta - 1}}$
$(\eta - 1)\,mg$
चित्र में अनियमित आकार की एक लंबी पानी की टंकी को दिखाया गया है। CD दीवार, क्षैतिज से $45^{\circ}$ कोण बनाती है। दीवार $AB$ आधार $BC$ के लम्बवत है। $AB$ एवं $CD$ की लंबाई पानी की ऊँचाई $h$ से काफी छोटी है। मान लीजिये कि दीवार $A B$, आधार $B C$ एवं दीवार $C D$ पर दाब क्रमशः $P_1, P_2$ एवं $P_3$ है। पानी का घनत्व $\rho$ एवं गुरुत्वीय त्वरण $g$ है। तब लगभग
$120 kg$ द्रव्यमान के लकड़ी के ब्लॉक को पानी में डुबोने के लिए इस पर रखे जा सकने वाले भार का मान ....... $Kg$ होना चाहिए (लकड़ी का घनत्व $= 600 kg/m^3 $ है)
बीकर में भरे द्रव में एक पिण्ड तैर रहा है। यदि इस पूरे निकाय को चित्रानुसार स्वतन्त्रतापूर्वक गुरुत्व के अन्तर्गत गिराया जाये तो द्रव के द्वारा पिण्ड पर लगाया गया उत्प्लावन बल होगा
एक दूसरे में मिश्रित न होने वाले दो द्रव, जिनके घनत्व $\rho$ तथा $n \rho( n >1)$ हैं, किसी पात्र में भरें हैं । प्रत्येक द्रव की ऊँचाई $h$ है । लम्बार्ड $L$ और घनत्व $d$ के किसी बेलन को इस पात्र में रखा जाता है । यह बेलन पात्र में इस प्रकार तैरता है कि इसका अक्ष ऊर्ध्वाधर रहता है तथा इसकी लम्बाई $pL ( p <1)$ सघन द्रव में होती है । घनत्व $d$ का मान है
लकड़ी का एक लट्ठा जल में इस प्रकार ऊध्र्वाधर तैर रहा है कि उसकी आधी लम्बाई जल में हैं। तो लकड़ी का घनत्व