एक त्रिज्या $R$ त्रिज्या घनत्व $\rho$ वाले ठोस गोलक को एक द्रव्यमान रहित स्प्रिंग के एक सिरे से जोड़ा गया है। इस स्प्रिंग का बल नियतांक $k$ है। स्प्रिंग के दूसरे सिरे को दूसरे ठोस गोलक से जोड़ा गया है जिसकी त्रिज्या $R$ व घनत्व $3 p$ है। पूर्ण विन्यास को $2 p$ घनत्व के द्रव में रखा जाता है और इसको साम्यावस्था में पहुँचने दिया जाता है। सही प्रकथन है/हैं -
$(A)$ स्प्रिंग की नेट दैर्ध्यवृद्धि $\frac{4 \pi R ^3 \rho g }{3 k }$ है।
$(B)$ स्प्रिंग की नेट दैर्ध्यवृद्धि $\frac{8 \pi R^3 \rho g }{3 k }$ है।
$(C)$ हल्का गोलक आंशिक रूप से डूबा हुआ है।
$(D)$ हल्का गोलक पूर्ण रूप से डूबा हुआ है।
$(B,C)$
$(B,D)$
$(A,D)$
$(C,D)$
लकड़ी का एक लट्ठा जल में इस प्रकार ऊध्र्वाधर तैर रहा है कि उसकी आधी लम्बाई जल में हैं। तो लकड़ी का घनत्व
एक यंत्र हीलियम गैस से भरे हुए साबुन के बुलबुले बना रहा है। यह पाया गया कि यदि बुलबुलों की त्रिज्या $1 \,cm$ से कम हो तो स्थिर वायु में वे धरातल पर आ गिरते हैं। वहीं बड़े आकार के बुलबुले हवा में तैरते रहते हैं। मान लिजिये कि साबुन के बुलबुले की परत की मोटाई सभी बुलबुलों में समान है। यह भी मान लीजिये कि साबुन के घोल का घनत्व पानी के घनत्व $\left(=1000 \,kg m ^{-3}\right.$ ) के बराबर है। हीलियम का घनत्व बुलबुले के अंदर तथा वायु में क्रमशः $0.18 \,kg m ^{-3}$ तथा $1.23 \,kg m ^{-3}$ है। तब बुलबुलों के साबुन की परत की मोटाई ................ $\mu m$ होगी : (ध्यान दें : $1 \,\mu m =10^{-6} m$ )
एक ठोस गोला जिसका घनत्व जल के घनत्व से $ \eta ( > 1) $ गुना कम है। गोला, चित्रानुसार एक डोरी की सहायता से किसी पात्र के तली से संलग्न है। यदि गोले का द्रव्यमान $m$ हो, तो डोरी में तनाव होगा
किसी गेंद का घनत्व $0.4 × 10^3 kg/m^3$ है। यदि यह गेंद $9 cm$ ऊँचाई से जल में गिरायी जाती है, तो वह ........ $cm$ गहराई तक जाएगी
धातु के दो टुकड़े जल में डुबोने पर उन पर समान उत्प्लावन बल लगता है तो