$1$ मीटर लम्बे एवं $1$ मिलीमीटर$^2$ अनुप्रस्थ काट वाले लोहे के तार को दृढ़ आधार से लटकाया गया है। जब इससे $1$ किलोग्राम भार को लटकाया जाता है तब इसकी लम्बाई में परिवर्तन..... $mm$ होगा $(Y = 2 \times {10^{11}}N/{m^2})$
$0.5$
$0.25$
$0.05$
$5$
किसी तार का बल नियतांक निर्भर नहीं करता है
ताँबे का एक टुकड़ा, जिसका अनुप्रस्थ परिच्छेद $15.2\, mm \times 19.1\, mm$ का है, $44.500\, N$ बल के तनाव से खींचा जाता है, जिससे केवल प्रत्यास्थ विरूपण उत्पन्न हो। उत्पन्न विकृति की गणना कीजिये।
अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $10^{-4} \,m ^2$ वाली धातु की एक छड़ किसी कक्ष में $20^{\circ} C$ तापमान पर लटक रही है। छड़ के मुक्त सिरे पर एक भार लटका हुआ है। छड़ के तापीय विस्तार का स्थिरांक $2.5 \times 10^{-6} K ^{-1}$ है तथा यंग मापांक $4 \times 10^{12} \,N / m ^2$ हैं। जब कक्ष के तापमान को $T$ तक कम किया जाता है, तब छड़ के सिरे पर $5000 \,N$ का भार लटकाया जाता है ताकि छड़ की लम्बाई अपरिवर्तित रहे। तब $T$ का मान ........... $^{\circ} C$ निम्न है।
रेखीय प्रसार गुणांक $\alpha {/^o}C$ वाली धातु से बनी लम्बाई $L$ तथा एक समान अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल $A$ की एक छड़ को कक्ष तापमान पर रखा गया है। जब एक बाह्य संदाबी बल $F$ को इसके प्रत्येक सिरों पर लगाते है, तो $\Delta T K$ तापमान वृद्धि होने पर, छड़ की लम्बाई में कोई परिवर्तन नहीं पाया जाता है। इस धातु का यंग प्रत्यास्थता गुणांक, $Y$ होगा :
जब एक प्रत्यास्थ पदार्थ, जिसका यंग प्रत्यास्थता गुणांक $Y$ है, को प्रतिबल $S$ से ताना जाता है, तो उसके प्रति एकांक आयतन में प्रत्यास्थ ऊर्जा होगी