एक धागे पर, जिसकी त्रिज्या $r$ है, भार $W$ आरोपित करने पर इसकी लम्बाई में $1$ मिली मीटर की वृद्धि होती है। अब यदि भार को $4$ $W$ एवं त्रिज्या को $2 $ $r$ कर दिया जाये तथा अन्य राशियाँ नियत रहें तो लम्बाई में वृद्धि..... $mm$ होगी
$4$
$16$
$1$
$0.25$
एक इकाई घन की सभी छ: सतहों पर $F$ तनन सार्मथ्य आरोपित किया जाता है। प्रत्येक भुजा की लम्बाई में वृद्धि होगी( $Y=$ यंग मापांक, =पॉइसन अनुपात)
स्टील के लिए त्रोटन बिन्दु पर यंग प्रत्यास्थता गुणांक तथा विकृति क्रमश: $2 \times {10^{11}}\,N{m^{ - 2}}$ तथा $0.15$ है। अत: स्टील के लिए त्रोटन बिन्दु पर प्रतिबल होगा
निम्नलिखित दो कथनों को ध्यान से पढिये और कारण सहित बताइये कि वे सत्य हैं या असत्य :
$(a)$ इस्पात की अपेक्षा रबड़ का यंग गुणांक अधिक है;
$(b)$ किसी कुण्डली का तनन उसके अपरूपण गुणांक से निर्धारित होता है।
एक रबर का यंग प्रत्यास्थता गुणांक $10^4$ न्यूटन/मी${^2}$ एवं अनुप्रस्थ क्षेत्रफल $2$ सेमी ${^2}$ है। यदि उस पर $2 \times {10^5}$ डाइन का बल लगाया जाता है, तो उसकी लम्बाई प्रारम्भिक लम्बाई $L$ से कितना गुनी हो जाती है
चार समान खोखले बेलनाकार मदु इस्पात स्तम्भ $50 \times 10^{3}$ किलाग्राम के भारी संरचना को संभालते हैं। प्रत्येक स्तम्भ की आन्तरिक तथा बाह्य त्रिज्याएं क्रमशः $50$ सेमी. तथा $100$ सेमी. है। समान स्थानीय वितरण मानते हुए स्तम्भ के सम्पीडन विकति की गणना कीजिए। $\left[ Y =2.0 \times 10^{11} \,Pa , g =9.8\right.$ मी/से.$^2$ का उपयोग करे]