$L$ लम्बाई की एक डोरी एक सिरे पर बँधी हुई है एवं इसके दूसरे सिरे पर $ M$ द्रव्यमान लटका है। डोरी स्थिर सिरे से गुजरने वाले ऊध्र्वाधर अक्ष के परित: (चित्रानुसार) $2/\pi $ चक्कर प्रति सैकण्ड पूर्ण करती है। डोरी में तनाव है
$ML$
$2\, ML$
$4 \,ML$
$16\, ML$
एक पिण्ड $r$ त्रिज्या के वृत्त मे एक समान चाल $v$ से चक्कर लगा रहा है, तो स्पर्श रेखीय त्वरण होगा
वृत्ताकार मार्ग पर प्रति मिनट $100$ बार घूमने वाले कण का कोणीय वेग है
किसी वृत्त की परिधि पर गतिमान एक पिण्ड का कोणीय त्वरण होगा :
एक वायुयान $150\, m/s$ की चाल से क्षैतिज लूप में गति करता है। वायुयान के पंखों का किनारों से झुकाव ${12^o }$ है। लूप की त्रिज्या .......... $km$ है $(g = 10\,\,m/{s^2},OA \,\tan 12^\circ = 0.212)$
एक छात्र एक रेम्प के ऊपर की ओर स्केटिंग करता है, जो क्षैतिज के साथ $30^{\circ}$ कोण बनाता है। वह $v _0$ चाल से रेम्प के आधार से प्रारम्भ (जैसा की चित्र में दिखाया गया है) होता/ होती है तथा $R$ त्रिज्या के एक अर्द्धवृत्तीय पथ $xyz$ के ऊपर घूमना चाहता/चाहती है जिसके दौरान वह धरातल से अधिकतम ऊँचाई $h$ (बिन्दु $y$ पर) पहुँचता/पहुँचती है जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। माना कि ऊर्जा हानि नगण्य है तथा उच्चतम बिन्दु पर इस घुमाव के लिए आवश्यक बल केवल उसके भार द्वारा प्रदान किया जाता है। तब ( $g$ गुरूत्वीय त्वरण है)
$(A)$ $v_0^2-2 g h=\frac{1}{2} g R$
$(B)$ $v_0^2-2 g h=\frac{\sqrt{3}}{2} g R$
$(C)$ बिन्द $x$ तथा $z$ पर आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल शून्य है।
$(D)$ आवश्यक अभिकेन्द्रीय बल बिन्दु $x$ तथा $z$ पर अधिकतम है।