एक पतली एकसमान छड़ बिन्दु $O$ पर कीलकित है और क्षैतिज तल में एकसमान कोणीय चाल $\omega$ से घूम रही है (चित्र देखिये)। $t=0$ पर एक छोटा कीड़ा $O$ से चलना शुरू करके छड़ के अंतिम सिरे $t=T$ समय पर पहुँच कर रूक जाता है। कीड़ा छड़ के सापेक्ष एकसमान चाल $v$ से चलता है। निकाय की कोणीय चाल पूरे समय $\omega$ बनी रहती है। $O$ के परित: निकाय पर लगने वाले बल-आघूर्ण का मान (| $\vec{\tau} \mid)$ समय के साथ जिस प्रकार बदलता है उसका सर्वोत्तम वर्णन किस ग्राफ में है?

223434-q

  • [IIT 2012]
  • A
    223434-a
  • B
    223434-b
  • C
    223434-c
  • D
    223434-d

Similar Questions

$m$ तथा $4 m$ द्रव्यमान वाली दो पतली वृताकार चत्रिकाएँ (discs), जिनकी त्रिज्यायें क्रमशः $a$ तथा $2 a$ हैं, के केन्द्रों को $l=\sqrt{24} a$ लम्बाई की द्रव्यमान-रहित द्रढ़ (rigid) डंडी से जोड़ा गया है। इस समूह को एक मजबूत समतल सतह पर लिटाया गया है और फिसलाये बिना इस तरह से घुमाया गया है कि इसकी कोणीय गति डंडी के अक्ष के गिर्द $\omega$ है। पूरे समूह का बिन्दु ' $O$ ' के गिर्द कोणीय संवेग $\vec{L}$ है (चित्र देखियें)। निम्नलिखित में से कौनसा/कौनसे कथन सत्य है / हैं?

$(A)$ पूरे समूह का संहति-केंद्र $z$-अक्ष के गिर्द कोणीय वेग $\omega / 5$ से घूम रहा है

$(B)$ पूरे समूह के संहति-केंद्र का बिन्दु $O$ के गिर्द कोणीय संवेग का परिमाण $81 ma ^2 \omega$ है

$(C)$ पूरे समूह का उसके संहति-केंद्र के गिर्द कोणीय संवेग का परिमाण $17 ma ^2 \omega / 2$ है

$(D)$ $\vec{L}$ के $z$-घटक का परिमाण $55 m a^2 \omega$ है

  • [IIT 2016]

एक व्यक्ति घूर्णी टेबल पर $ \omega $ कोणीय चाल से घूर्णन करता है। वह अपने फैले हुये हाथों में दो समान द्रव्यमान रखे है। बगैर हाथों को घुमाये वह केवल द्रव्यमान को नीचे गिरा देता है। उसका कोणीय वेग किस प्रकार परिवर्तित होगा

एक कण की स्थिति $ \overrightarrow {r\,} = (\hat i + 2\hat j - \hat k) $ एवं संवेग $ \overrightarrow P = (3\hat i + 4\hat j - 2\hat k) $ द्वारा प्रदर्शित होते हैं। कोणीय संवेग लम्बवत् है

एक द्रव्यमान $M$ तथा त्रिज्या $R$ का छल्ला अपने केन्द्र $O$ से होकर जाने वाली स्थिर ऊर्ध्वाधर अक्ष के चारों ओर $\omega$ कोणीय गति से घूम रहा है। इस समय पर $\frac{M}{8}$ द्रव्यमान के दो बिन्दु द्रव्यमान छल्ले के केन्द्र $O$ पर विराम स्थिति में हैं। वो दर्शाये चित्रानुसार छल्ले पर लगी द्रव्यमान रहित दो छड़ों पर त्रिज्यतः वाहर की ओर गति कर सकते हैं। किसी एक क्षण पर निकाय की कोणीय गति $\frac{8}{9} \omega$ है तथा एक विन्दु द्रव्यमान $O$ से $\frac{3}{5} R$ की दूरी पर है। इस क्षण दूसरे विन्दु द्रव्यमान की $O$ से दूरी होगी :

  • [IIT 2015]

द्रव्यमान $M$ व त्रिज्या $R$ की एक चकती क्षैतिज तल पर कोणीय चाल $ \omega $ से लुढ़क रही है। चकती के कोणीय संवेग का मान मूल बिन्दुु $O$ के परित: होगा

  • [IIT 1999]