लम्बाई $l$ और द्रव्यमान $m$ की एक पतली एकसमान छड़ अपने एक सिरे से गुजर रही क्षैतिज अक्ष पर स्वतंत्र रूप से दोलायमान है। इसकी अधिकतम कोणीय चाल $\omega$ है। इसका द्रव्यमान केन्द्र इस महत्तम ऊँचाई तक उठेगा

  • [AIEEE 2009]
  • A

    $\;\frac{1}{3}\frac{{{l^2}{\omega ^2}}}{g}$

  • B

    $\;\frac{1}{6}\;\frac{{l\omega }}{g}$

  • C

    $\;\frac{1}{2}\frac{{{l^2}{\omega ^2}}}{g}\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;\;$

  • D

    $\;\frac{1}{6}\frac{{{l^2}{\omega ^2}}}{g}$

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$30$ सेमी व्यास का ठोस बेलन $2$ मीटर की ऊँचाई से एक नत तल पर लुढ़काया जाता है। यदि घर्षण के कारण ऊर्जा व्यय नहीं होती है, तो तल के आधार पर इसकी रेखीय चाल .......मीटर/सैकण्ड होगी

एक पिण्ड का किसी दिये गये अक्ष के परित: जड़त्व आघूर्ण $2.4\,kg{\rm{ - }}{m^2}$ है। $750\,J$ घूर्णन गतिज ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए $5\,\,rad/se{c^2}$ का कोणीय त्वरण इस अक्ष के परित: कितने समय के लिए आरोपित करना होगा ...... $\sec$

$m_1$ और $m_2$ द्रव्यमान के दो पिंडों $\left(m_1 > m_2\right)$ को अतन्य हल्की डोरी से जोड़ा जाता है. यह डोरी एक पुली (pully), जिसकी त्रिज्या $R$ तथा उसके घूर्णन अक्ष के सापेक्ष जड़त्व आघूर्ण $I$ है, के ऊपर से गुजरती है. डोरी पुली पर फिसलती नहीं है और पुली बिना घर्षण के घूमती है. इन पिडों को विश्रामावस्था से एक दूसरे से उध्र्वाधर ऊचाई $2 h$ से छोड़ा जाता है. जब दोनों पिड एक दूसरे के पास से गुजरते हैं तो उसकी गति निम्न में से किसके समानुपाती होगी?

  • [KVPY 2016]

एक वस्तु की घूर्णीय गतिज ऊर्जा $E$ तथा जड़त्व आघूर्ण $I$ है। वस्तु का कोणीय संवेग होगा

एक $m$ द्रव्यमान तथा $r$ त्रिज्या की रिंग केन्द्र से गुजरने वाले अक्ष के लम्बवत् घूमती है। इसका कोणीय वेग $\omega$ है। इसकी गतिज ऊर्जा होगी

  • [AIPMT 1988]