एक $L$ लम्बाई की नलिका में $M$ द्रव्यमान का असम्पीड्य द्रव भरा है तथा नली दोनों सिरों पर बन्द है। अब नली को इसके एक सिरे के सापेक्ष क्षैतिज तल में एकसमान कोणीय वेग $\omega $ से घुमाया जाता र्है, तो द्रव द्वारा दूसरे सिरे पर आरोपित बल होगा
$\frac{{ML{\omega ^2}}}{2}$
$ML{\omega ^2}$
$\frac{{M{\omega }L^2}}{2}$
$\frac{{M{L^2}{\omega ^2}}}{2}$
घड़ी के मिनट वाले काँटे तथा घण्टे वाले काँटे की कोणीय चाल का अनुपात होता है
एक पिण्ड $r$ त्रिज्या के वृत्त मे एक समान चाल $v$ से चक्कर लगा रहा है, तो स्पर्श रेखीय त्वरण होगा
एक प्रोटॉन, जिसका द्रव्यमान $ 1.6 \times 10^{-27}$ किलोग्राम है $0.10$ मीटर त्रिज्या वाली वृत्ताकार कक्षा में, घूम रहा है। इस पर कार्यरत अभिकेन्द्रीय बल $4 \times 10^{-13}\, N$ है। तब प्रोटॉन के परिक्रमण की आवृति है
एक कण $1$ मीटर त्रिज्या वाले वृत्त का एक चक्कर $10$ सैकण्ड में लगाता है। गति के दौरान उसका औसत वेग है
प्रदर्शित चित्र में, एक कण नियत चाल $\pi \mathrm{m} / \mathrm{s}$ से गति करता है। बिन्दु $A$ से $B$ तक की गति के लिए इसके औसत वेग का परिमाण है :