चित्र में दर्शाये अनुसार, दो आवेशित समान्तर पट्टियों के बीच $10 \mathrm{~N} / \mathrm{C}$ का कोई एक समान विद्युत क्षेत्र उत्पन्न होता है। पट्टियों के बीच के क्षेत्र में, एक इलेक्ट्रॉन $0.5\ \mathrm{eV}$ गतिज ऊर्जा के साथ प्रवेश करता है। प्रत्येक पट्टी की लम्बाई $10 \mathrm{~cm}$ है। इलेक्ट्रॉन जैसे ही क्षेत्र के बाहर आता है, तो इसके पथ में हुआ विचलन कोण $(\theta) . . .. { }^{\circ}$ (डिग्री) है।
$44$
$43$
$42$
$45$
कोई इलेक्ट्रॉन विरामावस्था से किसी एकसमान तथा ऊपर को ऊर्ध्वाधर विघुत-क्षेत्र $E$ में कोई दी गई दूरी, $h$ गिरता है । अब विघुत-क्षेत्र का परिमाण अपरिवर्तित रखते हुए इसकी दिशा उत्क्रमित कर दी जाती है । किसी प्रोटॉन को विरामावस्था से इतनी ही ऊर्ध्वाधर दूरी $h$ तक इसमें गिरने दिया जाता है । प्रोटॉन के गिरने में लिए गए समय की तुलना में इलेक्ट्रॉन द्वारा गिरने में लिया गया समय है
एक इलेक्ट्रॉन जिसका द्रव्यमान ${m_e}$ है प्रारम्भ में विराम अवस्था में है। ${t_1}$ समय में इलेक्ट्रॉन किसी एकसमान विद्युत क्षेत्र में निश्चित दूरी से चलता है। एक प्रोटॉन जिसका द्रव्यमान ${m_p}$ है, वह भी विराम अवस्था में है। प्रोटॉन भी इसी विद्युत क्षेत्र में उतनी ही दूरी चलने में ${t_2}$ समय लेता है। यदि गुरुत्वीय प्रभाव नगण्य माना जाये तो ${t_2}/{t_1}$ का लगभग मान होगा
कोई इलेक्ट्रॉन $2.0 \times 10^{4}\, N C ^{-1}$ परिमाण के एकसमान विध्यूत क्षेत्र में $1.5 \,cm$ दूरी तक गिरता है [चित्र $( a )]$ । क्षेत्र का परिमाण समान रखते हुए इसकी दिशा उत्क्रमित कर दी जाती है तथा अब कोई प्रोटोन इस क्षेत्र में उतनी ही दूरी तक गिरता है [ चित्र $( b )$ ]। दोनों प्रकरणों में गिरने में लगे समय की गणना कीजिए। इस परिस्थिति की 'गुरूत्व के अधीन मुक्त पतन' से तुलना कीजिए।
एकसमान आवेशित गोलाकार कोश के भीतर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता होती है
$m$ द्रव्यमान के एक आवेशित कण, जिस पर आवेश $q$ है, को एकसमान विधुत क्षेत्र में स्थिर अवस्था से छोड़ा जाता है। यदि इस पर कोई और बल न लग रहा हो तो इसकी गति $v$ तथा इसके द्वारा चली गयी दूरी $x$ में सम्बंध निम्न में से किस ग्राफ द्वारा प्रदर्शित किया जाता है ? (ग्राफ संकेतात्मक है)