दिये गये चित्रों में दो स्थितियाँ दिखायी गयी हैं जिनमें दो अनन्त लम्बाई के एकसमान रैखिक आवेश घनत्व $\lambda$ (धनात्मक) के सीधों तार एक-दूसरे के समानान्तर रखे गये हैं। चित्रानुसार $q$ तथा $-q$ मान के बिन्दु आवेश तारों से समान दूरी पर उनके विधुत क्षेत्र समावस्था में रखे हुए हैं। ये आवेश केवल $x$-दिशा में चल सकते हैं। यदि आवेशों को उनकी समावस्था से थोड़ा सा विस्थापित करा जाये, तो सही विकल्प है (हैं)
दोनों आवेश सरल आवर्त गति करेंगें।
दोनों आवेश उनके विस्थापन की दिशा में चलते रहेंगे।
$+q$ आवेश सरल आवर्त गति करेगा जबकि $- q$ आवेश अपने विस्थापन की दिशा में चलते रहेगा।
$- q$ आवेश सरल आवर्त गति करेगा जबकि $+ q$ आवेश अपने विस्थापन की दिशा में चलते रहेगा।
$100\,mg$ द्रव्यमान के एक धनावेशित कण को सामर्थ्य $1 \times 10^5\,NC ^{-1}$ के एक समान विद्युत क्षेत्र की विपरीत दिशा में फेंका जाता है। यदि कण पर आवेश $40\,\mu C$ है एवं कण का प्रारम्भिक वेग $200\,ms ^{-1}$ है तो कण क्षणिक रूप से विराम में आने से पूर्व $.........\,m$ दूर चलेगा ।
किसी निश्चित वेग से $x$-अक्ष के अनुदिश गतिमान धनावेश, धनात्मक $y$-अक्ष की ओर दिष्ट समरूप विद्युत क्षेत्र में प्रवेश करता है। तो इसका
एक इलेक्ट्रॉन जिसका द्रव्यमान ${m_e}$ है प्रारम्भ में विराम अवस्था में है। ${t_1}$ समय में इलेक्ट्रॉन किसी एकसमान विद्युत क्षेत्र में निश्चित दूरी से चलता है। एक प्रोटॉन जिसका द्रव्यमान ${m_p}$ है, वह भी विराम अवस्था में है। प्रोटॉन भी इसी विद्युत क्षेत्र में उतनी ही दूरी चलने में ${t_2}$ समय लेता है। यदि गुरुत्वीय प्रभाव नगण्य माना जाये तो ${t_2}/{t_1}$ का लगभग मान होगा
आरेख में दर्शाए अनुसार $8 \,\mu C / g$ विशिष्ट आवेश का कोई पिण्ड किसी घर्षणहीन तल पर दीवार से $10\,cm$ की दूरी पर रखा है। दीवार की ओर क्षैतिज दिशा में $100\, V / m$ का एकसमान विधुत क्षेत्र अनुप्रयुक्त किए जाने पर यह पिण्ड दीवार की ओर गति करने लगता है। यदि पिण्ड का दीवार से संघट्ट पूर्णतः प्रत्यास्थ है। जब गति का आवर्तकाल $.......$ सेकण्ड होगा।
प्रारंभ में $x$ -अक्ष के अनुदिश $v_{x}$ चाल से गति करती हुई दो आवेशित प्लेटों के मध्य क्रेत्र में $m$ द्रब्यमान तथा $-q$ आवेश का एक कण प्रवेश करता है ( चित्र में कण $1$ के समान )। प्लेटों की लंबाई $L$ है। इन दोनों प्लेटों के बीच एकसमान विध्युत क्षेत्र $E$ बनाए रखा जाता है। दर्शाइए कि प्लेट के अतिम किनारे पर कण का ऊर्ध्वाधर विक्षेप $q E L^{2} /\left(2 m v_{x}^{2}\right)$ है।