त्रिज्या $R$ का एक समान वलय एक क्षैतिज सतह पर गति $v$ से चलते हुए $h$ ऊँचाई के एक ढाल जो कि $30^{\circ}$ कोण पर झुकी हुई है पर चढ़ता है. पूरी गति के दौरान वलय कहीं भी फिसलता नहीं है. तब $h$ का मान होगा

  • [KVPY 2016]
  • A

    $v^{2} / 2 g$

  • B

    $v^{2} / g$

  • C

    $3 v^{2} / 2 g$

  • D

    $2 v^{2} / g$

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$\mathrm{R}$ त्रिज्या तथा $\mathrm{M}$ द्रव्यमान की एक चकती (डिस्क) $v$ चाल से क्षैतिज दिशा में बिना फिसले लुढ़कती है। इसफे बाद यह ऐक चिकनें जानत तल पर ऊपर की ओर गति करती है जैसा कि चित्र में दर्शाया गया है। चकती द्वारा आनत तल पर चढ़ सकने की अधिकतम ऊँचाई है :

  • [JEE MAIN 2024]

चकती के घूर्णन हेतु गतिज ऊर्जा तथा घूर्णन गतिज ऊर्जा का अनुपात होगा

$0.6\; m$ लम्बी $2\; kg$ की एक स्टील छड़ एक मेज के ऊर्ध्वाधर अपने निचले सिरे पर बँधी है और ऊर्ध्वादार तल में मुक्त रूप से घूम सकती है। ऊपरी सिरे को धक्का दिया जाता है जिससे छड़ गुरूत्व के अन्तर्गत नीचे गिरती है। इसके निचले सिरे पर बाँधने से घर्षन को नगण्य मानते हुए, छड़ की चाल जब वह न्यूनतम स्थिति से गुजरती है $\ldots \ldots \ldots .$ मी/से होती है। (लीजिए $g =10 \;ms ^{-2}$ )

  • [JEE MAIN 2021]

एक वलय, ठोस गोला तथा चकती को नतसमतल पर समान ऊँचाई से नीचे की ओर लुढ़काया जाता है। सतह पर पहुँचने का क्रम है

$I$ जड़त्व की एक स्थिर चकती अपनी अक्ष पर घूर्णन करने के लिए स्वतंत्र है। जब इस पर एक बाह्य बलाधूर्ण लगाया जाता है तब इसकी गतिज ऊर्जा $K \theta^{2}$ के समान है, जहीं $K$ एक धनात्मक नियतांक है। कोण $\theta$ पर इसका कोणीय त्वरण होगा।

  • [JEE MAIN 2019]