एक ऊर्ध्वाधर विद्युत क्षेत्र का परिमाण $4.9 \times 10^5\,N / C$ है। यह द्रव्यमान $0.1\,g$ वाली जल की बूँद को गिरने से रोकता है। बूँद पर आवेश का मान ........ $\times 10^{-9} \;C$ -(दिया गया है $g =9.8\,m / s ^2$ )
$1.6 \times 10^{-9} C$
$2.0 \times 10^{-9} C$
$3.2 \times 10^{-9} C$
$0.5 \times 10^{-9} C$
किसी सपाट वृत्तीय चकती पर आवेश $ + Q$ एकसमान वितरित है। आवेश$ + q$ को $E$ गतिज ऊर्जा से चकती की ओर, इसके लम्बवत् अक्ष के अनुदिश फेंका जाता है। आवेश $q$
$5\,\mu C$ के बिन्दु आवेश से $80$ सेमी. दूर किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता होगी
घर्षणरहित, क्षैतिज, अचालक तथा त्रिज्या $R$ के एक वृत्ताकार वलय पर समान आवेश $q$ एवं द्रव्यमान $m$ की दो मणिकाओं (beads) को लगाया गया है। एक मणिका को वलय के किसी बिंदु पर चिपका दिया गया है जबकि दूसरी मणिका अपनी साम्यावस्था के सापेक्ष वलय पर लघु दोलन (small oscillations) करती है। इन लघु दोलनों की कोणीय आवृत्ति के वर्ग का मान होगा [ $\varepsilon_0$ मुक्त आकाश की विधुत शीलता है|]
$\pm 10 \,\mu C$ के दो आवेश एक-दूसरे से $5.0\, mm$ दूरी पर स्थित हैं। $(a)$ इस द्विधुव के अक्ष पर द्विध्रुव के केंद्र $O$ से चित्र $(a)$ में दशांए अनुसार, धनावेश की ओर $15 \,cm$ दूरी पर स्थित किसी बिदु $P$ पर तथा $(b)$ द्धिध्रुव के अक्ष के अभिलंबवत $O$ से, चित्र $(b)$ में दर्शाए अनुसार गुजरने वाली रेखा से $15\, cm$ दूरी पर स्थित किसी बिंदु $G$ पर विध्युत क्षेत्र ज्ञात कीजिए।
एक धनावेशित पतली धातु की वलय जिसकी त्रिज्या $R$, $xy$-तल में स्थित है तथा इसका केन्द्र मूल बिन्दु $O$ पर है। एक ऋणावेशित कण $P$ विराम अवस्था से बिन्दु $(0,\,0,\,{z_0})$ से छोड़ा जाता है, यहाँ ${z_0} > 0$ तो $P$ की गति होगी