एक समान आवेशित दीवार $2 \times 10^4 \mathrm{~N} / \mathrm{C}$ का लम्बवत एक समान वैद्युत क्षेत्र प्रदान करता है। $2$ ग्राम द्रव्यमान का एक आवेशित कण $20$ सेमी. लम्बे एक सिल्क के धागे से लटका है तथा यह दीवार से $10$ सेमी. की दूरी पर ठहरा है। कण पर आवेश $\frac{1}{\sqrt{\mathrm{x}}} \mu \mathrm{C}$ होगा जहाँ $\mathrm{x}=$. . . . . . . . . .[दिया है $g=10 \mathrm{~m} / \mathrm{s}^2$ ]
$2$
$3$
$4$
$5$
मूल बिन्दु पर $10 \mu \mathrm{C}$ का एक बिन्दु आवेश रखा है। $\mathrm{x}$ अक्ष के कौनसे स्थान पर $40 \mu \mathrm{C}$ का बिन्दु आवेश रखने पर $\mathrm{x}=2 \mathrm{~cm}$ पर कुल वैद्युत क्षेत्र शून्य होगा-
$(a)$ किसी यादच्छिक स्थिर वैध्यूत क्षेत्र बिन्यास पर विचार कीजिए। इस विन्यास की किसी शून्य-विक्षेप स्थिति ( null-point, अर्थात् जहाँ $E =0$ ) पर कोई छोटा परीक्षण आवेश रखा गया है। यह दर्शाइए कि परीक्षण आवेश का संतुलन आवश्यक रूप से अस्थायी है।
$(b)$ इस परिणाम का समान परिमाण तथा चिह्नों के दो आवेशों (जो एक-दूसरे से किसी दूरी पर रखे हैं) के सरल विन्यास के लिए सत्यापन कीजिए।
एक पतली डिस्क ( चक्रिका) की त्रिज्या $' b'$ है। इसमें बने एक संकेन्द्री छिद्र (छेद) की त्रिज्या $' a '$ है। $( b =2 a )$ । डिस्क पर एकसमान पृष्ठ आवेश $\sigma$ है। यदि इसकी अक्ष पर तथा इसके केन्द्र से $' h '$ ऊँचाई पर, $( h << a )$, विद्युत क्षेत्र $' Ch '$ हो तो, $' C '$ का मान है :
किसी $0.1\,m$ त्रिज्या के गोलीय चालक के पृष्ठ पर $0.036\, N/C$ का विद्युत क्षेत्र उत्पन करने के लिए इस पर रखे गये इलेक्ट्रोनों की संख्या है
$25\,\mu C$ और $36\,\mu C$ दो बिन्दु आवेशों के मध्य की दूरी $11\,cm$ है। दोनों आवेशों को मिलाने वाली रेखा के किस बिन्दु पर वैद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य होगी