$0.1\, M$ विलयन में एक दुर्बल अम्ल $ 0.1\%$ आयनित होता है इसका $ pH$ है
$2$
$3$
$4$
$1$
$1.00\,(M)$ $\,HCN\,$ विलयन के एक लीटर में ${H^ + }$ आयन की गणना कीजिए $({K_a} = 4 \times {10^{ - 10}})$
किसी दुर्बल वैद्युत अपघट्य $\left(\mathrm{K}_{\mathrm{eq}}=\right.$ साम्यावस्था स्थिरांक) $\mathrm{A}_2 \mathrm{~B}_3$ जिसकी सान्द्रता ' $\mathrm{c}$ ' है, के सान्द्र विलयन के लिये आयनन की मात्रा " $\alpha$ ' है।
ब्रोमोएसीटिक अम्ल की आयनन की मात्रा $0.132$ है। $0.1\, M$ अम्ल की $pH$ तथा $p K_{ a }$ का मान ज्ञात कीजिए।
यदि $0.1\,N$ एसीटिक अम्ल का विलयन $30\%$ विघटित होता है, तो उसका हाइड्रोजन आयन सान्द्रण होगा
स्थिर दाव पर एक ऊष्मारोधी वीकर (insulated beaker) में $100 \ mL HCl (1.0 \ M )$ को $100 \ mL \ NaOH (1.0 \ M )$ के साथ मिश्रित करने पर वीकर तथा उसकी अन्तर्वस्तुओं का तापमान $5.7^{\circ} C$ बढ जाता है (प्रयोग $1$)। प्रवल अम्ल के साथ प्रवल क्षारक की उदासीनीकरण (neutralization) ऐन्थैल्पी एक नियतांक $\left(-57.0 kJ \ mol ^{-1}\right)$ होने के कारण इस प्रयोग का उपयोग कैलोरीमीटर स्थिरांक (calorimeter constant) को मापने में किया जा सकता है। एक दूसरे प्रयोग (प्रयोग $2$) में $100 \ mL$ ऐसीटिक अम्ल $\left(2.0 \ M , K _{ a }=2.0 \times 10^{-5}\right)$ को $100 \ mL \ NaOH (1.0 \ M )$ के साथ मिश्रित करने पर (प्रयोग 1 की समरूप अवस्था में) $5.6^{\circ} C$ तापमान वृद्धि मापित की गयी।
(सभी विलयनों की ऊप्मा धारिता $4.2 J g ^{-1} K ^{-1}$ तथा सभी विलयनों का घनत्व $1.0 \ g mL ^{-1}$ है)
$1.$ प्रयोग $2$ से प्राप्त ऐसीटिक अम्ल की वियोजन ऐन्थैल्पी (dissociation enthalpy) $(kJ \ mol$-$1$ में) है
$(A)$ $1.0$ $(B)$ $10.0$ $(C)$ $24.5$ $(D)$ $51.4$
$2.$ प्रयोग $2$ के पश्चात विलयन का $pH$ है
$(A)$ $2.8$ $(B)$ $4.7$ $(C)$ $5.0$ $(D)$ $7.0$
इस प्रश्न के उतर दीजिये $1$ ओर $2.$