एल्यूमीनियम क्लोराइड ठोस अवस्था तथा बेंजीन जैसे अधु्रवीय विलायकों के विलयन में द्विलक $A{l_2}C{l_6}$ के रूप में रहता है जब इसे जल में घोला जाता है तो यह देता है
${[Al{(OH)_6}]^{3 - }} + 3HCl$
${[Al{({H_2}O)_6}]^{3 + }} + 3HCl$
$A{l^{3 + }} + 3C{l^ - }$
$A{l_2}{O_3} + 6HCl$
विद्युत अपघटनी रिफाइनिंग द्वारा एल्यूमीनियम का शुद्धिकरण कहलाता है
नीचे दो कथन दिए गए हैं। एक को अभिकथन $A$ एवं दूसरे को कारण $R$ कहा गया है।
अभिकथन $A$ : बोरिक अम्ल एक दुर्बल अम्ल है।
कारण $R:$ बोरिक अम्ल $H ^{+}$आयन को स्वतः
निर्मुक्त नहीं कर पाता है। यह जल से $OH ^{-}$ आयन प्राप्त करता है तथा $H ^{+}$निर्मुक्त करता है।
बोरोन ट्राइ हैलाइडों का लुइस अम्ल गुण जिस क्रम का अनुसरण करता है, वह है :
कौनसी धातु वायु में उच्च ताप पर जलकर उच्च ऊष्मा उत्सर्जित करती है
निम्न में से एक कथन सत्य है