किसी वायु संधारित्र को एक बैटरी से जोड़ा गया है। संधारित्र की पट्टिकाओं के बीच का स्थान परावैद्युत से भरने का परिणाम है, बढ़ जाना
आवेश और विभवान्तर का
विभवान्तर और विद्युत क्षेत्र का
विद्युत क्षेत्र और धारिता का
आवेश और धारिता का
$K$ परावैद्युतांक वाले किसी गुटके के अनुप्रस्थकाट का क्षेत्रफल, एक समानान्तर पट्टिका संधारित्र की पट्यियों के क्षेत्रफल के बराबर है, एवं उसकी मोटाई $\frac{3}{4} d$ है, जहाँ $d$ संधारित्र की पट्यिं के बीच की दूरी है। जब गुटके को संधारित्र की प्लेटों के बीच में रखा जाता है तो इसकी धारिता होगी : (दिया है $C _{ o }$ संधारित्र की प्रारम्भिक धारिता है)
$C$ एवं $3 C$ धारिताओं वाले दो समानान्तर पट्टिका संधारित्र पार्श्व क्रम में संयोजित हैं, एवं $18\,V$ के विभवान्तर तक आवेशित किए जाते हैं। फिर बैट्री हटा दी जाती है, एवं $C$ धारिता वाले संधारित्र की पट्टिकाओं के बीच, $9$ परावैद्युत स्थिरांक वाला पदार्थ पूर्णतः भर दिया जाता है। दोनों संधारित्रों के बीच अंतिम विभवान्तर $..........V$ होगा।
नीचे दिए गए चित्र के अनुसार, दो एक जैसे समानान्तर पट्टिका संधारित्र, जिनकी संधारिता $C$ है, $E$ विद्युत वाहक बल की बैटरी से श्रेणी में जुड़े हैं। यदि एक संधारित्र को $k$ परावैद्युतांक के परावैद्युत से भर दिया जाता है तो बैटरी से बहने वाले आवेश का परिमाण क्या होगा? (बैटरी के आंतरिक प्रतिरोध को नगण्य मानिए)
समानान्तर प्लेटों से बने एक संधारित्र की प्लेटों का क्षेत्रफल $A$ है तथा उनके बीच की दूरी $'d'$ है। इन प्लेटों क बीच एक परावैधुत पदार्थ भरा हुआ है जिसका परावैधुतांक $k ( x )= K (1+\alpha x )$ है। यहाँ पर ' $x$ ' किसी एक प्लेट से दूरी है। यदि $(\alpha d)<<1$ हो, तो इस संधारित्र की धारिता का उपयुक्त मान होगा।
किसी दिए गए समांतर प्लेट संधारित्र की धारिता बदलने के लिए परावैधुतांक $'K'$ के किसी पदार्थ का प्रयोग किया गया है। परावैधुत पदार्थ का क्षेत्रफल, संधारित्र की प्लेट के क्षेत्रफल के समान है। परावैधुत पदार्थ के स्लैब की मोटाई $\frac{3}{4} d$ है जहाँ ' $d$ ', समांतर प्लेट संधारित्र में, प्लेटों के बीच पथकन है। मूल धारिता $\left( C _{0}\right)$ के पदों में नई धारिता $\left( C ^{\prime}\right)$ को नीचे दिए अनुसार किस प्रकार व्यक्त किया जाएगा?