एक वायुयान $150\, m/s$ की चाल से क्षैतिज लूप में गति करता है। वायुयान के पंखों का किनारों से झुकाव ${12^o }$ है। लूप की त्रिज्या .......... $km$ है $(g = 10\,\,m/{s^2},OA \,\tan 12^\circ = 0.212)$
$10.6$
$9.6$
$7.4$
$5.8$
एक लड़का द्रव्यमान $100\,g$ के पत्थर को $2\,m$ लम्बी रस्सी से बाँधकर क्षैतिज तल में चारों ओर घुमाता है। यदि रस्सी अधिकतम तनाव $80\,N$ सहन कर सकती है तो अधिकतम चाल जिससे पत्थर घूम सकता है, $\frac{ K }{\pi}$ घूर्णन/ $/ min$ है। $K$ का मान है - (रस्सी द्रव्यमानहीन व अवितान्य है)
एक ऊध्व्वाधर चिकने अर्द्धवृत्तीय पथ के बिन्दु $X$ से एक कण को इस प्रकार छोड़ा जाता हैं कि $OX$ ऊध्र्वाधर से कोण $\theta$ बनाता हैं जैसा कि चित्र में दर्शाया गया हैं। कण के ऊपर पथ की अभिलम्ब प्रतिक्रिया बिन्दु $Y$ पर समाप्त हो जाती हैं जहाँ $OY$ क्षैतिज से कोण $\phi$ बनाता है। तब :
एक पंखा $600$ चक्कर प्रति मिनट लगा रहा है। कुछ समय पश्चात् यह $1200$ चक्कर प्रति मिनट लगाता है। तब इसके कोणीय वेग में वृद्धि है
एक हवाई जहाज $100$ मीटर/सैकण्ड की एक समान चाल से $100$ मीटर की त्रिज्या वाले वृत्ताकार पथ पर उड़ रहा है। हवाई जहाज की कोणीय चाल ......... $rad/sec$ है
एक पत्थर $1\,m$ लम्बे धागे के सिरे से बाँधकर क्षैतिज वृत्त में नियत चाल से घुमाया जाता है। यदि पत्थर $44$ सैकण्ड में $22$ चक्कर पूर्ण करता है, पत्थर के त्वरण का परिमाण तथा दिशा होगी