कोई विध्यूत क्षेत्र धनात्मक $x$ के लिए, धनात्मक $x$ दिशा में एकसमान है तथा उसी परिमाण के साथ परंतु ऋणात्मक $x$ के लिए, ऋ्णात्मक $x$ दिशा में एकसमान है। यह दिया गया है कि $E =200 \hat{ i }$ \,N/C जबकि $x>0$ तथा $E =-200 \hat{ i }\, N/C,$ जबकि $x<0$ है। $20 \,cm$ लंबे $5 \,cm$ त्रिज्या के किसी लंबवृत्तीय सिलिंडर का केंद्र मूल बिंदु पर तथा इस अक्ष $x$ के इस प्रकार अनुदिश है कि इसका एक फलक चित्र में दर्शाए अनुसार $x=+10\, cm$ तथा दूसरा फलक $x=-10\, cm$ पर है। $(a)$ प्रत्येक चपटे फलक से गुजरने वाला नेट बहिर्मुखी फ्लक्स कितना है? $(b)$ सिलिंडर के पाशर्व से गुजरने वाला फ्लक्स कितना है? $(c)$ सिलिंडर से गुजरने वाला नेट बहिर्मुखी फ्लक्स कितना है? $(d)$ सिलिंडर के भीतर नेट आवेश कितना है?
$(a)$ We can see from the figure that on the left face $E$ and $\Delta S$ are parallel. Therefore, the outward flux is
$\phi_{L}= E \cdot \Delta S =-200 \hat{ i } \cdot \Delta S$
$=+200 \Delta S, \text { since } \hat{ i } \cdot \Delta S =-\Delta S$
$=+200 \times \pi(0.05)^{2}=+1.57 \,N\, m ^{2} \,C ^{-1}$
On the right face, $E$ and $\Delta S$ are parallel and therefore
$\phi_{R}= E \cdot \Delta S =+1.57 \,N\,m ^{2} \,C ^{-1}$
$(b)$ For any point on the side of the cylinder $E$ is perpendicular to $\Delta s$ and hence $E \cdot \Delta S =0 .$ Therefore, the flux out of the side of the cylinder is zero.
$(c)$ Net outward flux through the cylinder
$\phi=1.57+1.57+0=3.14 \,N\, m ^{2} \,C ^{-1}$
$(d)$ The net charge within the cylinder can be found by using Gauss's law which gives
$q=\varepsilon_{0} \phi$
$=3.14 \times 8.854 \times 10^{-12}\, C$
$=2.78 \times 10^{-11}\, C$
वायु में स्थित इकाई धन आवेश से निकलने वाले सम्पूर्ण विद्युत फ्लक्स का मान है
नीचे दो कथन दिए गए है, एक को अभिकथन $A$ एवं दूसरे को कारण $\mathrm{R}$ कहा गया है
अभिकथन $\mathrm{A}$ : यदि $30 \times 10^{-5} \mathrm{Cm}$ द्विध्रुव आघूर्ण वाला एक विद्युत द्विध्रुव, किसी बंद पृष्ठ से घिरा है, तो पृष्ठ
से निकलने वाले कुल फ्लक्स का मान शून्य होगा।
कारण $R$ : विद्युत द्विध्रुव में दो समान एवं विपरीत आवेश होते हैं।
उपर्युक्त कथनों के प्रकाश में, नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनें।
किसी स्थान पर विद्युत क्षेत्र त्रैज्यीय बाहर की ओर है जिसका परिमाण $E = A{\gamma _0}$ है। ${\gamma _0}$ त्रिज्या के गोले के अन्दर आवेश होगा
यदि एक आवेश $q$ को एक अचालक बंद अर्द्धगोलाकार सतह के केन्द्र पर रखा जाता है तो समतल सतह से गुजरने वाला कुल फ्लक्स होगा
एक खोखले बेलन के भीतर $q$ कूलॉम का आवेश स्थित है। यदि चित्रानुसार वक्र तल $B$ से सम्बद्ध वैधुत अभिवाह वोल्ट-मी मात्रकों में $\phi$ हो तो समतल तल $A$ से सम्बद्ध वोल्ट-मी मात्रकों में अभिवाह होगा-