एक इलेक्ट्रॉन को $12000\, volts$ के विभवान्तर से त्वरित किया जाता है। जिसके पश्चात यह ${10^{ - 3}}\,T$ के एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा इलेक्ट्रॉन के पथ के लम्बवत् है। इलेक्ट्रॉन के पथ की त्रिज्या ज्ञात कीजिये
(दिया है इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान $ = 9 \times {10^{ - 31}}kg$ तथा इलेक्ट्रॉन का आवेश $ = 1.6 \times {10^{ - 19}}C)$
$36.7\, m$
$36.7\, cm$
$3.67\, m$
$3.67\, cm$
एक प्रोटॉन की संहति $1.67 \times {10^{ - 27}}\,kg$ और आवेश $1.6 \times {10^{ - 19}}\,C$ है, इसे $60^\circ $ कोण पर $2 \times {10^6}\,m/s$ की चाल से $X - $ अक्ष पर प्रक्षेपित किया जाता है। यदि एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र $0.104$ टेसला $Y - $ अक्ष के अनुदिश आरोपित किया जाये, तो प्रोटॉन का पथ है
एक इलेक्ट्रॉन (द्रव्यमान $ = 9.0 \times {10^{ - 31}}$ किग्रा तथा आवेश $ = 1.6 \times {10^{ - 19}}$ कूलॉम) एक $1.0 \times {10^{ - 4}}$ वेबर/मी$^2$ के चुम्बकीय क्षेत्र में वृत्तीय कक्षा में घूम रहा है। इलेक्ट्रॉन का परिक्रमण-काल है
एक अचर चुम्बकीय क्षेत्र के प्रभाव में एक आवेशित कण त्रिज्या $R$ के वत्त में स्थिर चाल $v$ से चल रहा है इस चलन का समय अन्तराल
$1\, MeV$ गतिज ऊर्जा वाला एक प्रोटॉन दक्षिण से उत्तर की ओर चल रहा है। पश्चिम से पूर्व की ओर दिशा के एक चुम्बकीय क्षेत्र से इस पर $10^{12}\, m / s ^{2}$ का त्वरण पैदा होता है। चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण ......$mT$ होगा। (प्रोटॉन का विराम द्रव्यमान $\left.=1.6 \times 10^{-27} \,kg \right)$
किसी विशेष क्षण पर एक रेडियो-एक्टिव यौगिक से उत्सर्जित विकिरण एक चुम्बकीय क्षेत्र में विक्षेपित होता है। यौगिक उत्सर्जित कर सकता है
$(i) $ इलेक्ट्रॉन $(ii)$ प्रोटॉन $(iii)$ $H{e^{2 + }}$ $(iv)$ न्यूट्रॉन
दिये गये विशेष क्षण पर उत्सर्जित विकिरण हो सकता है