$5 \times {10^6}\,m/sec$ की चाल से गतिमान एक इलेक्ट्रॉन $1 \times {10^3}\,N/C$ तीव्रता के विद्युत क्षेत्र में क्षेत्र के समान्तर प्रवेश करता है। विद्युत क्षेत्र के कारण इलेक्ट्रॉन का मंदन हो रहा है। बताइये इलेक्ट्रॉन रुकने से पहले (क्षण भर रुकने से पहले) कितनी दूरी तय करेगा (इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान $ = 9 \times {10^{ - 31}}\,Kg$ एवं आवेश $ = 1.6 \times {10^{ - 19}}\,C)$
$7\, m$
$0.7\, mm$
$7\, cm$
$0.7\, cm$
एक इलेक्ट्रॉन विद्युत क्षेत्र में किसी वेग से विद्युत बल रेखाओं की दिशा में प्रवेश करता है तो
$100\,mg$ द्रव्यमान के एक धनावेशित कण को सामर्थ्य $1 \times 10^5\,NC ^{-1}$ के एक समान विद्युत क्षेत्र की विपरीत दिशा में फेंका जाता है। यदि कण पर आवेश $40\,\mu C$ है एवं कण का प्रारम्भिक वेग $200\,ms ^{-1}$ है तो कण क्षणिक रूप से विराम में आने से पूर्व $.........\,m$ दूर चलेगा ।
एक छोटे धनावेशित कण को एक मेज के किनारे से छोड़ा जाता है। इस क्षेत्र में क्षैतिज दिशा में एक एकसमान विधुत क्षेत्र है (चित्र देखें)। ऐसी अवस्था में निम्न में से कौनसा ग्राफ कण के पथ को उचित रूप से दर्शाता है? (ग्राफ सांकेतिक है).
एक आवेशित कण जिसका द्रव्यमान $m$ तथा आवेश $q$ को समरूप विद्युत क्षेत्र $E$ में विराम से छोड़ा जाता है। गुरूत्व के प्रभाव को नगण्य मानते हुये, ‘$t$’ सेकण्ड बाद आवेशित कण की गतिज ऊर्जा होगी
क्षैतिज से $30^{\circ}$ के कोण बनाने वाले किसी आनत तल को $200\, \frac{ N }{ C }$ के एकसमान क्षैतिज विधुत क्षेत्र में रखा गया है। आरेख में दर्शाए अनुसार, $1\, kg$ द्रव्यमान के किसी पिण्ड को, जिस पर $5\, mC$ आवेश है, विराम की र्थिति से $1\, m$ ऊँचाई से इस तल पर सरकाया गया है यदि घर्षण गुणांक $0.2$ हैं तो इस पिण्ड को तली तक पहुँचने में लगने वाला समय $.......$ सेकण्ड होगा। $[ g =$ $9.8 \,m / s ^{2}, \sin 30^{\circ}=\frac{1}{2} ; \cos 30^{\circ}=\frac{\sqrt{3}}{2}$ ]