अभ्यास में वर्णित कण की इलेक्ट्रॉन के रूप में कल्पना कीजिए जिसको $v_{x}=2.0 \times 10^{6}$ $m s ^{-1}$ के साथ प्रक्षेपित किया गया है। यदि $0.5 \,cm$ की दूरी पर रखी प्लेटों के बीच बिदुत क्षेत्र $E$ का मान $9.1 \times 10^{2}\, N / C$ हो तो ऊपरी प्लेट पर इलेक्ट्रॉन कहाँ टकराएगा? $\left(|e|=1.6 \times 10^{-19} C , m_{e}=9.1 \times 10^{-31} kg .\right)$
Velocity of the particle, $v_{x}=2.0 \times 10^{6} \,m / s$
Separation of the two plates, $d =0.5\, cm =0.005\, m$
Electric field between the two plates, $E =9.1 \times 10^{2} \,N / C$
Charge on an electron, $q=1.6 \times 10^{-19} \,C$
Mass of an electron, $m _{ e }=9.1 \times 10^{-31} \,kg$
Let the electron strike the upper plate at the end of plate $L$, when deflection is s. Therefore,
$s=\frac{q E L^{2}}{2 m V_{x}^{2}}$
$\Rightarrow L=\sqrt{\frac{2 s m V_{x}^{2}}{q E}}$$=\sqrt{\frac{2 \times 0.005 \times 9.1 \times 10^{-31}}{1.6 \times 10^{-19} \times 9.1 \times 10^{2}}}$
$=\sqrt{0.00025}=0.016 \,m=1.6 \,cm$
Therefore, the electron will strike the upper plate after travelling $1.6 \;cm .$
आरेख में दर्शाए अनुसार $8 \,\mu C / g$ विशिष्ट आवेश का कोई पिण्ड किसी घर्षणहीन तल पर दीवार से $10\,cm$ की दूरी पर रखा है। दीवार की ओर क्षैतिज दिशा में $100\, V / m$ का एकसमान विधुत क्षेत्र अनुप्रयुक्त किए जाने पर यह पिण्ड दीवार की ओर गति करने लगता है। यदि पिण्ड का दीवार से संघट्ट पूर्णतः प्रत्यास्थ है। जब गति का आवर्तकाल $.......$ सेकण्ड होगा।
चित्र में दर्शाये अनुसार, दो आवेशित समान्तर पट्टियों के बीच $10 \mathrm{~N} / \mathrm{C}$ का कोई एक समान विद्युत क्षेत्र उत्पन्न होता है। पट्टियों के बीच के क्षेत्र में, एक इलेक्ट्रॉन $0.5\ \mathrm{eV}$ गतिज ऊर्जा के साथ प्रवेश करता है। प्रत्येक पट्टी की लम्बाई $10 \mathrm{~cm}$ है। इलेक्ट्रॉन जैसे ही क्षेत्र के बाहर आता है, तो इसके पथ में हुआ विचलन कोण $(\theta) . . .. { }^{\circ}$ (डिग्री) है।
$1\,m$ लम्बी दो समानान्तर पट्यिों के बीच, $E =$ $(8 m / e )\,V / m$ मान का एकसमान विद्युत क्षेत्र उत्पन्न किया जाता है, (जहाँ $m =$ इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान एवं $e =$ इलेक्ट्रॉन का आवेश) दोनों पट्टियों के बीच सममित रूप से एक इलेक्ट्रॉन $2\,m / s$ की चाल से प्रवेश करता है। जब यह इलेक्ट्रॉन विद्युत क्षेत्र से बाहर निकलता है, तो इसके पथ में हुए विक्षेप का कोण होगा :
जैसा कि निम्न चित्र में प्रदर्शित है, एक इलेक्ट्रॉन जब एक समांतर पट्टिका संधारित्र में क्षैतिज चाल $u$ से प्रवेश करता है तो बाहर निकलने पर कोण $\theta$ से विचलित हो जाता है। यह पाया जाता है कि $\tan \theta=0.4$ तथा गुरुत्वाकर्षण नगण्य है। यदि प्रारम्भिक क्षैतिज चाल को दोगुना कर दिया जाए तो $\tan \theta$ का मान क्या होगा?
एक छोटे धनावेशित कण को एक मेज के किनारे से छोड़ा जाता है। इस क्षेत्र में क्षैतिज दिशा में एक एकसमान विधुत क्षेत्र है (चित्र देखें)। ऐसी अवस्था में निम्न में से कौनसा ग्राफ कण के पथ को उचित रूप से दर्शाता है? (ग्राफ सांकेतिक है).