एक आदर्श गैस का जिसका कि प्रारम्भिक ताप $300 K$ है, रुद्धोष्म प्रसारण किया जाता है जिससे उसका आयतन प्रारम्भिक आयतन का दुगना हो जाता है। हाइड्रोजन गैस का अन्तिम ताप होगा $(\gamma = 1.40)$
$227.36 K$
$500.30 K$
$454.76 K$
$ - {47^o}C$
एक मोटर-ट्यूब में ${27^o}C$ पर हवा भरी है एवं इसका दाब $8$ वायुमण्डलीय दाब के बराबर है। ट्यूब अचानक फट जाता है तो हवा का ताप होगा [ हवा हेतु $\gamma = \,1.5]$
समान प्रारम्भिक अवस्था से एक आदर्श गैस तीन अलग-अलग प्रक्रमो द्वारा $V _1$ से $V _2$ आयतन तक प्रसारित होती है। यदि प्रक्रम समतापी है, तो गैस द्वारा किया गया कार्य $W _1$ है तथा यदि प्रक्रम रुद्धोप्म है तो कार्य $W _2$ और यदि समदाबी है तो किया गया कार्य $W _3$ है तो सही कथन चुनिये।
एक आदर्श एक परमाणविक गैस के एक मोल निम्नलिखित चार उत्क्रमणीय प्रक्रियाओं से गुजरता है;
चरण $1$ - पहले रुद्रोष्म विधि से आयतन को $8.0 \,0m ^3$ से $1.0 \,m ^3$ तक संपीडित किया ज्ञाता है ।
चरण $2$ - तद्पथात आयतन को $T_1$ तापमान पर समतापीय तरीके से $10.0 \,m ^3$ तक विस्तारित किया जाता है ।
चरण $3$ - तद्पध्धात आयतन को रुद्रोप्म विधि से $80.0 \,m ^3$ तक विस्तारित किया जाता है ।
चरण $4$ - तद्पश्थात आयतन को $T_2$ तापमान पर समतापीय तरीके से $8.0 \,m ^3$ तक संपीडित किया जाता है । तब $T_1 / T_2$ है
गैस में रुद्धोष्म परिवर्तन में किया गया कार्य सिर्फ निर्भर करता है
दिये गये चित्र में चार प्रक्रम, समआयतनिक, समदाबीय, समतापीय तथा रूद्धोष्म, दिखाये गये हैं। इन ग्राफों का इसी क्रम में सही निर्दिष्टीकरण होगा।