एक अनन्त कुचालक चादर के एक सतह पर आवेश घनत्व $\sigma = 0.10\, \mu C/m^2$ है। यदि इसके विद्युत क्षेत्र में दो समविभवी सतहों के मध्य विभवान्तर $50\, V$ है तो इनके मध्य की दूरी होगी
$8.85\, m$
$8.85\, cm$
$8.85\, mm$
$88.5\, mm$
बल की विद्युत रेखाओं एवं समविभवीय तल के बीच का कोण है :
नीचे दो कथन दिये गये है : एक को अभिकथन ($A$) तथा दूसरे को कारण $(\mathrm{R})$ से चिन्हित किया गया है। अभिकथन ($A$) : एक समविभव पृष्ठ पर गतिमान एक धनावेश पर वैद्युत क्षेत्र द्वारा किया गया कार्य सदैव शून्य होता है।
कारण ($R$) : वैद्युत बल रेखाएँ सदैव समविभव पृष्ठ के लम्बवत् होती है।
उपरोक्त कथनों के आलोक में नीचे दिये गए विकल्पों में से सबसे उचित उत्तर का चयन कीजिए।
$6\, cm$ की दूरी पर अवस्थित दो बिंदुओं $A$ एवं $B$ पर दो आवेश $2 \mu C$ तथा $-2 \mu C$ रखे हैं।
$(a)$ निकाय के सम विभव पृष्ठ की पहचान कीजिए।
$(b)$ इस पृष्ठ के प्रत्येक बिंदु पर विध्यूत क्षेत्र की दिशा क्या है?
यहाँ आरेख में कुछ समविभव क्षेत्र दर्शाये गये हैं :
प्रत्येक आरेख एक धनात्मक आवेश को $A$ से $B$ तक ले जाते हैं। तो, इस प्रक्रम में, $q$ को $A$ से $B$ तक ले जाने में :
व्यवस्थात्मकतः निम्नलिखित में संगत समविभव पृष्ठ का वर्णन कीजिएः
$(a)$ $Z-$दिशा में अचर विद्युत क्षेत्र
$(b)$ एक क्षेत्र जो एकसमान रूप से बढ़ता है, परंतु एक ही दिशा ( मान लीजिए $z-$ दिशा) में रहता है।
$(c)$ मूल बिंदु पर कोई एकल धनावेश, और
$(d)$ एक समतल में समान दूरी पर समांतर लंबे आवेशित तारों से बने एकसमान जाल।