कोई सदिश किसी स्वेच्छ दिशा में दो (या तीन) सदिशों द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता है। वे सदिश होंगे

  • A

    समान्तर सदिश जिनका परिणामी मूल सदिश होगा

  • B

    परस्पर लम्बवत् सदिश जिनका परिणामी मूल सदिश होगा

  • C

    स्वेच्छ सदिश जिनका परिणामी मूल सदिश होगा

  • D

    सदिशों को पृथक करना सम्भव नहीं है

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निम्नलिखित में से प्रत्येक कथन को ध्यानपूर्वक पढ़िए और कारण सहित बताइए कि यह सत्य है या असत्य :

$(a)$ किसी सदिश का परिमाण सदैव एक अदिश होता है,

$(b)$ किसी सदिश का प्रत्येक घटक सदैव अदिश होता है,

$(c)$ किसी कण द्वारा चली गई पथ की कुल लंबाई सदैव विस्थापन सदिश के परिमाण के बराबर होती है,

$(d)$ किसी कण की औसत चाल ( पथ तय करने में लगे समय द्वारा विभाजित कुल पथ-लंबाई) समय के समान-अंतराल में कण के औसत वेग के परिमाण से अधिक या उसके बराबर होती है ।

$(e)$ उन तीन सदिशों का योग जो एक समतल में नहीं हैं, कभी भी शून्य सदिश नहीं होता ।

सदिश $\mathop A\limits^ \to = 5\hat i - 12\hat j,$ की दिशा में इकाई सदिश होगा

किसी कण का स्थिति सदिश $\vec r = (a\cos \omega \,t)\hat i + (a\sin \omega \,t)\hat j$ है। कण का वेग होगा

  • [AIPMT 1995]

निम्नांकित सूची में से दो अदिश राशियों को छाँटिए

बल,कोणीय संवेग, कार्य, धारा, रैखिक संवेग, विधुत क्षेत्र, औसत वेग, चुंबकीय आघूर्ण, आपेक्षिक वेग।

किसी द्रव्यमान पर आरोपित बल $\mathop F\limits^ \to = 6\hat i - 8\hat j + 10\hat k$ द्वारा प्रदर्शित है, जो कि द्रव्यमान को $1\;m/{s^2}$ से त्वरित करता है। द्रव्यमान का मान (किग्रा में) होगा