निर्देशांक पद्धति के मूल बिन्दु पर विरामावस्था में रखे एक कण पर निम्न बल एक साथ कार्यरत हैं ${\mathop F\limits^ \to _1} = - 4\hat i - 5\hat j + 5\hat k$,${\mathop F\limits^ \to _2} = 5\hat i + 8\hat j + 6\hat k$, ${\mathop F\limits^ \to _3} = - 3\hat i + 4\hat j - 7\hat k$ तथा ${\overrightarrow F _4} = 2\hat i - 3\hat j - 2\hat k$ तो कण गति करेगा
$x -y$ तल में
$y -z$ तल में
$x -z$ तल में
$x -$ अक्ष के अनुदिश
एक सदिश $\hat i + \hat j + \sqrt 2 \,\hat k$ द्वारा $X, Y$ तथा $Z$ अक्षों के साथ बनाये गये कोण क्रमश: होंगे
सदिश $3\hat i + 4\hat k$ का $Y-$अक्ष पर प्रक्षेप होगा
$x-y$ तल में, एक सदिश $y$-अक्ष के साथ $30^{\circ}$ का कोण बनाता है। सदिश के $y$-घटक का परिमाण $2 \sqrt{3}$ है। सदिश के $\mathrm{x}$-घटक का परिमाण होगा:
एक दीवार से जुड़ी डोरी द्वारा एक धात्विक गोला लटकाया गया है। किसी छड़ द्वारा गोले को बाहर की ओर धकेला जाता है। गोले पर लगने वाले बल दूसरे चित्र द्वारा प्रदर्शित हैं। कौनसा कथन गलत है