प्रदर्शित चित्र में, एक कण नियत चाल $\pi \mathrm{m} / \mathrm{s}$ से गति करता है। बिन्दु $A$ से $B$ तक की गति के लिए इसके औसत वेग का परिमाण है :
$\pi\, m / s$
$\sqrt{3}\,m / s$
$2 \sqrt{3}\,m / s$
$1.5 \sqrt{3}\,m / s$
एक घड़ी में सैकण्ड की सुव की लम्बाई $1$ सेमी है। इसकी नोंक के वेग में परिवर्तन $15$ सैकण्ड में होगा
एक पहिये को इसकी अक्ष के परित: एकसमान कोणीय त्वरण दिया जाता है। इसका प्रारम्भिक कोणीय वेग शून्य है। पहले दो सैकण्ड में यह ${\theta _1}$ कोण से घूम जाता है तथा अगले $2$ सैकण्ड में यह ${\theta _2}$ कोण से घूमता है, तो $\frac{{{\theta _2}}}{{{\theta _1}}}$ अनुपात है
नियत कोणीय वेग से वृत्ताकार मार्ग में गति करते किसी कण के सम्बंध में निम्न कथनों में से कौन सा कथन असत्य है
एक कण पर एक नियत परिमाण का बल, जो कि हमेशा कण के वेग के लम्बवत् रहता है, लगता है। कण की गति समतल में होती है। इसका अर्थ है कि
एक कण $\mathrm{R}$ त्रिज्या के एक वृत्त पर एक समान चाल से गति कर रहा है तथा एक चक्कर पूर्ण करने में $\mathrm{T}$ समय लेता है। यदि इसको एक समान चाल से क्षैतिज से $\theta$ कोण पर प्रक्षेपित किया जाता है तो इसके द्वारा तय की गई अधिकतम ऊँचाई $4 \mathrm{R}$ है। तब प्रक्षेपण कोण $\theta$ होगा :