किसी वृत्त की परिधि पर गतिमान एक पिण्ड का कोणीय त्वरण होगा :
घूर्णन अक्ष के अनुदिश
त्रिज्या के अनुदिश, केन्द्र से बाहर की ओर
त्रिज्या के अनुदिश, केन्द्र की ओर
इसकी स्थिति की स्पर्शज्या के अनुदिश
एक वृत्ताकार पथ पर एकसमान चाल से गतिमान एक कण जारी रखता है :
वृत्तीय गति करती हुई वस्तु की कक्षीय चाल $v$ को दोगुना तथा कोणीय वेग$\omega $ को आधा करने पर अभिकेन्द्रीय त्वरण में क्या परिवर्तन होगा
क्षैतिज सड़क पर चलती हुई एक कार मुड़ते समय बाहर की ओर फिसल जाती है
सड़कें वक्र पथ पर उठी हुई होती हैं जिससे
एक कण किसी दी गई त्रिज्या $R$ के वृत्तीय पथ पर नियत कोणीय वेग से गति करता है तथा इस पर अभिकेन्द्रीय बल $F$ क्रियाशील रहता है। यदि कोणीय वेग को दोगुना कर दिया जाये और त्रिज्या वही रहे, तो नया बल होगा