$25\,^o C$ पर क्षार $BOH $ का वियोजन स्थिरांक $1.0 \times {10^{ - 12}}$ है क्षार के $0.01 \,M $ जलीय विलयन में हाइड्रॉक्सिल आयनों की सान्द्रता होगी
$2.0 \times {10^{ - 6}}$ मोल लीटर$^{ - 1}$
$1.0 \times {10^{ - 5}}$ मोल लीटर$^{ - 1}$
$1.0 \times {10^{ - 6}}$ मोल लीटर$^{ - 1}$
$1.0 \times {10^{ - 7}}$ मोल लीटर$^{ - 1}$
वियोजन स्थिरांक ${K_a}$ एवं सान्द्रण $c$ के दुर्बल अम्ल में $ [H+] $ बराबर होता है
स्थिर दाव पर एक ऊष्मारोधी वीकर (insulated beaker) में $100 \ mL HCl (1.0 \ M )$ को $100 \ mL \ NaOH (1.0 \ M )$ के साथ मिश्रित करने पर वीकर तथा उसकी अन्तर्वस्तुओं का तापमान $5.7^{\circ} C$ बढ जाता है (प्रयोग $1$)। प्रवल अम्ल के साथ प्रवल क्षारक की उदासीनीकरण (neutralization) ऐन्थैल्पी एक नियतांक $\left(-57.0 kJ \ mol ^{-1}\right)$ होने के कारण इस प्रयोग का उपयोग कैलोरीमीटर स्थिरांक (calorimeter constant) को मापने में किया जा सकता है। एक दूसरे प्रयोग (प्रयोग $2$) में $100 \ mL$ ऐसीटिक अम्ल $\left(2.0 \ M , K _{ a }=2.0 \times 10^{-5}\right)$ को $100 \ mL \ NaOH (1.0 \ M )$ के साथ मिश्रित करने पर (प्रयोग 1 की समरूप अवस्था में) $5.6^{\circ} C$ तापमान वृद्धि मापित की गयी।
(सभी विलयनों की ऊप्मा धारिता $4.2 J g ^{-1} K ^{-1}$ तथा सभी विलयनों का घनत्व $1.0 \ g mL ^{-1}$ है)
$1.$ प्रयोग $2$ से प्राप्त ऐसीटिक अम्ल की वियोजन ऐन्थैल्पी (dissociation enthalpy) $(kJ \ mol$-$1$ में) है
$(A)$ $1.0$ $(B)$ $10.0$ $(C)$ $24.5$ $(D)$ $51.4$
$2.$ प्रयोग $2$ के पश्चात विलयन का $pH$ है
$(A)$ $2.8$ $(B)$ $4.7$ $(C)$ $5.0$ $(D)$ $7.0$
इस प्रश्न के उतर दीजिये $1$ ओर $2.$
$0.01 \,M$ ग्लायसीन विलयन की $pH$ क्या है ? $298 $ पर, ग्लायसीन के लिए $K{a_1} = 4.5 \times {10^{ - 3}}$ और $K{a_2} = 1.7 \times {10^{ - 10}}$ हैं
यदि एक दुर्बल अम्ल के $0.1 \,M$ विलयन को स्थिर ताप पर $0.01\,M$ तक तनु किया गया हो तो क्या होगा
$HClO$ एक दुर्बल अम्ल है, $HClO$ के $0.1\,M$ विलयन में ${H^ + }$ आयनों का सान्द्रण होगा $({K_a} = 5 \times {10^{ - 8}})$