हाइगन के सिद्धान्त में मुख्य कमी थी
तरंगाग्र से तात्पर्य है
हाइगेन के द्वितीयक तरंगिकाओं के सिद्धान्त का उपयोग कर सकते हैं
किसी बिन्दुवत् स्रोत से निकलने वाली अपसारी किरणों से बनने वाला तरंगाग्र होता है
निम्नलिखित दशाओं में प्रत्येक तरंगाग्र की आकृति क्या है?
$(a)$ किसी बिंदु स्रोत से अपसरित प्रकाश।
$(b)$ उत्तल लेंस से निर्गमित प्रकाश, जिसके फ़ोकस बिंदु पर कोई बिंदु स्रोत रखा है।
$(c)$ किसी दूरस्थ तारे से आने वाले प्रकाश तरंगाग्र का पृथ्वी द्वारा अवरोधित (intercepted) भाग।