संलग्न चित्र में $CP$ एक तरंगाग्र को प्रदर्शित करती है। $AO$ तथा $BP$ दो किरणें हैं। बिन्दु $P$ पर किरण $BP$ तथा परावर्तित किरण $OP $ के बीच संपोषी व्यतिकरण के लिए $\theta $ की स्थिति होगी

187-3

  • [IIT 2003]
  • A

    $cos \theta = 3 \lambda /2d$

  • B

    $cos \theta = \lambda /4d$

  • C

    $sec \theta -cos \theta  =  \lambda /d$

  • D

    $sec \theta -cos \theta  = 4 \lambda /d$

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प्रकाश का एक समान्तर पुंज नीचे चित्र में दर्शाए गये अनुप्रस्थ-काट वाले पारदर्शी काँच के एक टुकड़े से टकराता है। निर्गत तरंगाग्र की सही आकृति होगी। (रेखांचित्र सांकेतिक है।)

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