क्या संधारित्र में परावैद्युत माध्यम के रुप में धातुओं का उपयोग कर सकते हैं
हाँ
नहीं
प्रयोग पर निर्भर करता है
उपरोक्त में से कोई नहीं
आंतरिक त्रिज्या $r_{1}$ तथा बाह्य त्रिज्या $r_{2}$ वाले एक गोलीय चालक खोल ( कोश ) पर $Q$ आवेश है।
$(a)$ खोल के केंद्र पर एक आवेश $q$ रखा जाता है। खोल के भीतरी और बाहरी पृष्ठों पर पृष्ठ आवेश घनत्व क्या है?
$(b)$ क्या किसी कोटर ( जो आवेश विहीन है ) में विध्यूत क्षेत्र शून्य होता है, चाहे खोल गोलीय न होकर किसी भी अनियमित आकार का हो? स्पष्ट कीजिए।
$5\, cm$ एवं $10\, cm$ त्रिज्यायों वाले दो चालक गोले हैं। इनमें से प्रत्येक को का आवेश देकर इनको एक चालक तार द्वारा जोड़ दिया जाता है। जोड़ने के पश्चात् छोटे गोले पर आवेश ......$\mu C$ होगा
बिन्दु $P$ पर रखे बिन्दु आवेश के कारण उत्पन विद्युत क्षेत्र में एक खोखला गोलीय चालक चित्रानुसार रखा गया है। यदि ${V_A},{V_B},$ तथा ${V_C}$ क्रमश: बिन्दुओं $A,B$ व $C$ पर विभव हो तो
एकसमान पृष्ठ आवेश घनत्व $\sigma $ वाले चालक पृष्ठ के निकट वैद्युत क्षेत्र
$10\, cm$ त्रिज्या वाले एक चालक गोले को $10\,\mu \,C$ आवेश दिया गया है। $20\, cm$ त्रिज्या वाले अनावेशित दूसरे गोले को इससे स्पर्श कराते हैं। कुछ समय पश्चात् यदि गोलों को अलग-अलग कर दिया जाये तब गोलों पर पृष्ठ आवेश घनत्वों का अनुपात होगा