प्रत्येक त्रिज्या $0.02\,m$ तथा प्रत्येक $5\,\mu C$ आवेशवाही चौसठ चालक बून्दे, संयोजित होकर एक बड़ी बून्द का निर्माण करती है। बड़ी बूँद के सतही घनत्व तथा छोटी बूँद के सतही घनत्व का अनुपात होगा-
$1: 4$
$4: 1$
$1: 8$
$8: 1$
एकसमान पृष्ठ आवेश घनत्व $\sigma $ वाले चालक पृष्ठ के निकट वैद्युत क्षेत्र
चार धात्विक चालकों की निम्न आकृतियाँ हैं
$1.$ गोला $2.$ बेलन
$3.$ नाशपाती आकार $3.$ तड़ित चालक
यदि इन्हें एक कुचालक आधार पर रखकर आवेशित किया जाये तो किस पर लम्बे समय तक आवेश रहेगा
$(a)$ किसी चालक $A$ जिसमें चित्र $(a)$ में दर्शाए अनुसार कोई कोटर / गुहा (Cavity) है, को $Q$ आवेश दिया गया है। यह दर्शाइए कि समस्त आवेश चालक के बाह्य पुष्ठ पर प्रतीत होना चाहिए।
$(b)$ कोई अन्य चालक $B$ जिस पर आवेश $q$ है, को कोटर / गुहा (Cavity) में इस प्रकार धँसा दिया जाता है कि चालक $B$ चालक $A$ से विध्युतरोधी रहे। यह दर्शाइए कि चालक $A$ के बाह्य पृष्ठ पर कुल आवेश $Q+q$ है [ चित्र $(b)$]।
$(c)$ किसी सुग्राही उपकरण को उसके पर्यावरण के प्रबल स्थिर वैध्यूत क्षेत्रों से परिरिक्षित किया जाना है। संभावित उपाय लिखिए।
पृथ्वी का विद्युत विभव शून्य माना जाता है क्योंकि पृथ्वी एक
$\mathrm{R}_{1}$ तथा $\mathrm{R}_{2}$ त्रिज्या के दो आवेशित गोलीय चालक एक तार से जोड़ दिए जाते हैं। गोलों के पृष्ठ आवेश घनत्वों $\left(\sigma_{1} / \sigma_{2}\right)$ का अनुपात होता है :