दो स्थिर, विपरीत आवेशों को मिलाने वाली रेखा पर स्थित बिन्दुओं पर विचार करें। आवेशों के मध्य
शून्य विद्युत क्षेत्र का कोई बिन्दु नहीं है
शून्य विद्युत क्षेत्र का केवल एक बिन्दु है
शून्य विभव का केवल एक बिन्दु है
$(a)$ और $(b)$ दोनों
एक समद्विबाहु त्रिभुज के $B$ व $C$ शीर्षों पर $ + \,q$ तथा $ - \,q$ आवेश रखे गये हैं शीर्ष $A$ पर विभव होगा
पानी की एक आकार की $27$ बूँदों को एक-सा समान आवेश दिया गया है। यदि उन सबको मिलाकर एक बड़ी बूँद बना दिया तो नये विद्युत विभव में क्या परिवर्तन ........गुना होगा
एक पतले गोलीय कोश (shell) का केन्द्र उद्गम पर है व त्रिज्या $R$ है। उस पर धनावेश इस प्रकार वितरीत है कि पष्ठ-घनत्व एकसमान है। विधुत क्षेत्र के मान $|\vec{E}(r)|$ और विधुत -विभव $V(r)$ का , केन्द्र से दूरी $r$ के साथ बदलाव का सर्वोत्तम वर्णन किस ग्राफ में है।
$a, b$ एवं $c[a < b < c]$ त्रिज्याओं वाले तीन सकेन्द्रीय धात्विक कोशों $\mathrm{X}, \mathrm{Y}$ एवं $\mathrm{Z}$ पर पृष्ठ धारा घनत्व क्रमशः $\sigma,-\sigma$ एवं $\sigma$ है। कोशों $\mathrm{X}$ एवं $\mathrm{Z}$ पर विभव समान है। यदि कोशों $\mathrm{X}$ एवं $\mathrm{Y}$ की त्रिज्याऐं क्रमशः $2 \mathrm{~cm}$ एवं $3 \mathrm{~cm}$ हैं। कोश $Z$ की त्रिज्या_______________$\mathrm{cm}$ है।
एक क्षेत्र में एकसमान स्थिर वैद्युत क्षेत्र उपस्थित है। यहाँ एक बिन्दु $P$ पर केन्द्रित एक गोले के विभिन्न बिन्दुओं पर विभव का मान $589.0 \;V$ व $589.8 \;V$ सीमाओं के बीच पाया जाता है। इस गोले के पृष्ठ पर वह बिन्दु, जिसका त्रिज्या वेक्टर विद्युत क्षेत्र से $60^{\circ}$ का कोण बनाता है, पर विभव का मान क्या होगा ?