व्यवस्थात्मकतः निम्नलिखित में संगत समविभव पृष्ठ का वर्णन कीजिएः

$(a)$ $Z-$दिशा में अचर विद्युत क्षेत्र

$(b)$ एक क्षेत्र जो एकसमान रूप से बढ़ता है, परंतु एक ही दिशा ( मान लीजिए $z-$ दिशा) में रहता है।

$(c)$ मूल बिंदु पर कोई एकल धनावेश, और

$(d)$ एक समतल में समान दूरी पर समांतर लंबे आवेशित तारों से बने एकसमान जाल।

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$(a)$ Equidistant planes parallel to the $x -y$ plane are the equipotential surfaces.

$(b)$ Planes parallel to the $x -y$ plane are the equipotential surfaces with the exception that when the planes get closer, the field increases.

$(c)$ Concentric spheres centered at the origin are equipotential surfaces.

$(d)$ A periodically varying shape near the given grid is the equipotential surface. This shape gradually reaches the shape of planes parallel to the grid at a larger distance.

Similar Questions

एक अनन्त कुचालक चादर के एक सतह पर आवेश घनत्व $\sigma  = 0.10\, \mu C/m^2$ है। यदि इसके विद्युत क्षेत्र में दो समविभवी सतहों के मध्य विभवान्तर $50\, V$ है तो इनके मध्य की दूरी होगी

समरूप विद्युत क्षेत्र किसी क्षेत्र में धनात्मक $x$-दिशा की ओर इंगित है। माना $A$ मूलबिन्दु है, $B$, $x$-अक्ष पर $x =  + 1$ सेमी. पर बिन्दु है तथा $C$ $y$-अक्ष पर $y =  + 1$ सेमी. पर एक बिन्दु है तो बिन्दुओं $A$, $B$ व $C$ पर विभव निम्न सम्बंध से सन्तुष्ट होंगे

  • [IIT 2001]

एक विद्युत क्षेत्र परिमाण में $x -$ अक्ष के अनुदिश बढ़ रहा है, संगत समविभवी सतहें होंगी

  • [AIIMS 2004]

नीचे दो कथन दिये गये है : एक को अभिकथन ($A$) तथा दूसरे को कारण $(\mathrm{R})$ से चिन्हित किया गया है। अभिकथन ($A$) : एक समविभव पृष्ठ पर गतिमान एक धनावेश पर वैद्युत क्षेत्र द्वारा किया गया कार्य सदैव शून्य होता है।

कारण ($R$) : वैद्युत बल रेखाएँ सदैव समविभव पृष्ठ के लम्बवत् होती है।

उपरोक्त कथनों के आलोक में नीचे दिये गए विकल्पों में से सबसे उचित उत्तर का चयन कीजिए।

  • [JEE MAIN 2024]

जब एकांक धन आवेश को समविभव सतह पर एक बिन्दु से दूसरे बिन्दु तक ले जाते है, तो