गैस के दो मोल में रुद्धोष्म परिवर्तन द्वारा गैस की आन्तरिक ऊर्जा $2$ जूल से कम हो जाती है, प्रक्रम में गैस पर किया गया कार्य ....... $J$ होगा
$1$
$ - 1$
$2$
$-2$
किसी बेलन में भरी वायु को पिस्टन द्वारा अचानक संपीडित किया जाता है तथा पिस्टन को उसी स्थिति में रखा रहने दिया जाता है, तो समय के साथ
वायु के रुद्धोष्म प्रसार में आयतन में वृद्धि $5\%$ होती है। इसके दाब में ..... $(\%)$ प्रतिशत कमी होगी
नीचे दिखाए गए चित्रानुसार, कोई आदर्श गैस एक समान अवस्था से आरम्भ करके चार अलग-अलग प्रक्रमों से गुजरती है। ये
प्रक्रम रूद्धोष्म, समतापीय, समदाबीय एवं समआयतनिक हैं। $1 , 2,3$ एवं $4$ में से वह वक्र जो रुद्धोष्म प्रक्रम को निरूपित करता है, वह है :
एक एकपरमाणुक आदर्श गैस प्रारम्भिक ताप ${T_1}$ पर, एक पिस्टन युक्त सिलिण्डर में भरी है। पिस्टन को अचानक स्वतंत्र करके गैस को रुद्धोष्म रूप से ${T_2}$ ताप तक प्रसारित होने देते हैं यदि सिलिण्डर में, गैस के प्रसार से पहले एवं बाद में गैस स्तम्भों की लम्बाइयाँ क्रमश: ${L_1}$ तथा ${L_2}$ हैं, तब ${T_1}/{T_2}$ का मान है
यदि ऊष्मागतिकी प्रक्रम में $\Delta U$ और $Delta W$ क्रमशः आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि और निकाय द्वारा किये गए कार्य को प्रदर्शित करे , तो निम्नलिखित में से कौन - सा कथन सत्य है